डॉ. आरती ‘लोकेश’ को ‘कारागार’ उपन्यास के लिए मिला ‘आप्रवासी हिंदी साहित्य सृजन सम्मान’

मॉरीशस व भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित ‘महात्मा गाँधी संस्थान, मोका, मॉरीशस’ द्वारा प्रति दो वर्ष में एक बार दिया जाने वाला सबसे प्रतिष्ठित सम्मान ‘आप्रवासी हिंदी साहित्य सृजन सम्मान’ का चौथा संस्करण दुबई, संयुक्त अरब अमीरात (यू.ए.ई.) की प्रवासी लेखिका डॉ. आरती ‘लोकेश’ को उपन्यास ‘कारागार’ के लिए प्रदान किया गया।

डॉ. आरती ‘लोकेश’ को ‘कारागार’ उपन्यास के लिए मिला ‘आप्रवासी हिंदी साहित्य सृजन सम्मान’

मॉरीशस व भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित ‘महात्मा गाँधी संस्थान, मोका, मॉरीशस’ द्वारा प्रति दो वर्ष में एक बार दिया जाने वाला सबसे प्रतिष्ठित सम्मान ‘आप्रवासी हिंदी साहित्य सृजन सम्मान’ का चौथा संस्करण दुबई, संयुक्त अरब अमीरात (यू.ए.ई.) की प्रवासी लेखिका डॉ. आरती ‘लोकेश’ को उपन्यास ‘कारागार’ के लिए प्रदान किया गया।

8 मार्च 2023 को हुए इस सम्मान समारोह में उन्हें सम्मान-पत्र के साथ 2000 अमरीकी डॉलर की राशि भेंट करने की घोषणा भी की गई। स्वागत भाषण में संस्थान की निदेशिका डॉ. विद्योत्मा कूंजल ने इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मान की संकल्पना, इतिहास व कठिन-निष्पक्ष चयन प्रक्रिया के बारे में बताया।

महानिदेशक राजकुमार रामप्रताप ने इसे उत्कृष्ट लेखकों के लिए मंच बताया। भारतीय दूतावास मॉरीशस की उच्चायुक्त सुनीता पाहुजा ने प्रवासी लेखन को भाषा व संस्कृति से जोड़ने वाली कड़ी बताया। 

सम्मान के चयन के लिए बनी चार सदस्यीय ज्यूरी में से भारतीय उच्चायुक्त सुनीता पाहुजा जी ने उपन्यास ‘कारागार’ को कथानक, विचार, पात्रों की व्यवस्था, उद्देश्य, कथोपकथन, भाषा शैली, देश-काल संयोजन, हर कसौटी पर उत्तम बताया। अपने वक्तव्य में डॉ. आरती ‘लोकेश’ ने इस सम्मान को सभी प्रवासी साहित्यकारों का सम्मान बताया और कहा- यह सम्मान मुझे अपने लेखन के प्रति अधिक सजग, सतर्क और संवेदनशील बनाता है।

ध्यातव्य है कि अब तक डॉ. आरती 16 पुस्तकों की रचना कर चुकी हैं। ‘कारागार’ उनकी दूसरी पुस्तक है।