दोआबा कॉलेज में ईको पॉर्कस की स्थापना पर शॉर्ट-टर्म कोर्स आयोजित

दोआबा कॉलेज में ईको पॉर्कस की स्थापना पर शॉर्ट-टर्म कोर्स आयोजित
दोआबा कॉलेज में आयोजित सिक्ल डिवैल्पमैंट कोर्स में विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए प्रि. डॉ. प्रदीप भण्डारी, प्रो. संदीप चाहल, डॉ. अश्विनी व डॉ. राकेश  ।

जालन्धर, 3 जुलाई, 2025: दोआबा कॉलेज के डीसीजे पर्सनैलिटी डिवैल्पमैंट सैंटर ने एनजीओ दस्तक वैल्फेयर कांऊसिल के सहयोग से विद्यार्थियों को एनईपी 2020 के इण्डियन नॉलेज सिस्टम तथा मल्टीडिसीपलनिरी पढ़ाई की थीम के अन्तर्गत ईको पॉर्कस की स्थापना में तितलियों की भूमिका पर स्किल डिवैल्पमैंट कोर्स को करवाया । 
    इसके तहत एनजीओ दस्तक से जुड़े पर्यावरण विद् श्री प्रवीन कुमार ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए शहर के विभिन्न जगहों पर उनके द्वारा ईको पॉर्कस स्थापित करने में किये गये अपने तजुरबों को सांझा करते हुए कहा कि जब भी हम कहीं पौधारोपण अभियान में भाग लेते हैं तो हमें पौधा लगाने के उपरान्त उसे सारा वर्ष अपना कर उसकी देख-भाल तथा समय समय पर उस पौधे को कोई बिमारी लग जाये तो उसके उपचार का मुकम्मल प्रबन्ध कर उसे वट वृक्ष के रूप में बनाने के लिए सार्थक प्रयत्न करना चाहिए । उन्होंने कहा कि पेड़ पौधों को तितलियाँ एवं पक्षी पोषण प्रदान करते हैं । 
    प्रो. संदीप चाहल-संयोजक एवं प्रधान एनजीओ दस्तक ने विद्यार्थियों को कहा कि विश्व में सभी पेड़ पौधे को सेचन अथवा पॉलीनेशन की प्रक्रिया को सुचारू ढ़ंग से निरन्तरता से मधुमक्खीयाँ व तितलियाँ ही चलाती है जिससे हमें सब्जियाँ और फल प्राप्त होते हैं । उन्होंने कहा कि तितलियों द्वारा दिये गये अण्डों में से निकलने वाली सूंडियां ही सभी पक्षियों का मुख्य आहार है क्योंकि वह प्रोटीन युक्त होती है । 
    डॉ. अश्विनी बुलहौत्रा ने दोआबा कॉलेज कैम्पस के डीबीटी बोटैनिकल पार्क में एनजीओ दस्तक वैल्फेयर कांउसिल द्वारा स्थापित डीसीजे बटरफ्लाई पार्क में सिटरस पौधों पर अण्डे देने वाली लेमन तितली, अक्क के पौधे पर अण्डे देने वाली टाईगर तितली तथा अन्य पौधों पर अण्डे देने वाली केबेज बटरफ्लाई, पैनसी तितली आदि के लाईफ साईकल एवं महत्ता पर जानकारी प्रदान की । डॉ. राकेश कुमार ने कैम्पस में मौजूद विभिन्न पौधों के फूलों की उत्पत्ति, उन पर आने वाले विभिन्न कीट-पतंगों तथा अन्य विभिन्न पौधों की वातावरण में उपयुक्ता के बारे में जानकारी दी । 
    प्रि. डॉ. प्रदीप भण्डारी ने इस कोर्स के अन्तर्गत इतनी अहम जानकारी प्रदान करने के लिए वक्ताओं को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि आज के दौर में यह बहुत अनिवार्य है कि हम अपने सभी कोर्स के विद्यार्थियों को विज्ञान और वातावरण से सम्बन्धित उनकी जिम्मेदारियाँ का एहसास समय देते दिला सके ।