गांव खरावड़ गांव में डीएलएसए ने चलाया जागरूकता अभियान

गांव खरावड़ गांव में डीएलएसए ने चलाया जागरूकता अभियान

रोहतक, गिरीश सैनी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरजा कुलवंत कलसन के मार्गदर्शन तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एवं सीजेएम डॉ. तरन्नुम खान की देखरेख में राष्ट्र के लिए मध्यस्थता कार्यक्रम के अंतर्गत गांव खरावड़ में एक जागरूकता अभियान चलाया गया। कार्यक्रम में पैनल अधिवक्ता ने ग्रामीणों को मध्यस्थता की प्रक्रिया, उसके लाभों तथा आपसी सहमति से विवादों के त्वरित, सरल और सौहार्दपूर्ण समाधान के महत्व के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

ग्रामीणों को मध्यस्थता के बारे में बताया गया कि यह वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली का एक महत्वपूर्ण अंग है, जिसे विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के अंतर्गत प्रोत्साहित किया गया है। मध्यस्थता की प्रक्रिया गोपनीय होती है और इसमें पक्षकार अपनी सहमति से समाधान तक पहुंचते हैं, जिससे न्यायालयों पर भार कम होता है। मध्यस्थता में किसी भी पक्ष पर निर्णय थोपे नहीं जाते, बल्कि आपसी सहमति से समझौता तैयार किया जाता है, जिसे विधिक मान्यता प्राप्त होती है। यह प्रक्रिया समय और धन की बचत करती है।