समाचार विश्लेषण/कांग्रेस की उलझन, सुलझाये कौन?

समाचार विश्लेषण/कांग्रेस की उलझन, सुलझाये कौन?
कमलेश भारतीय।

-*कमलेश भारतीय 
वैसे तो कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर से लेकर नीचे तक उलझी पड़ी है । जैसे राष्ट्रीय स्तर पर जी '23 समूह' ने ज़ोर पकड़ रखा है । कभी कपिल सिब्बल सवाल पूछते हैं तो कभी मनीष तिवारी किताब में सवाल उठा रहे हैं कि मुम्बई के ताज होटल पर हमले के बाद पाकिस्तान पर हमला क्यों नहीं किया ? कभी हरियाणा में हुड्डा व सैलजा के बीच बढ़ते मतभेदों की खबरें आती हैं । अभी ऐलनाबाद उप चुनाव के बाद जो परिणाम आया उस पर इनकी तल्खियां व दूरियां बढ़ती जा रही हैं । यहां तक कहा जाने लगा है कि हरियाणा में एक सीएलपी कांग्रेस है तो दूसरी सैलजा की अध्यक्षता वाली कांग्रेस । यानी उलझन है कि बढ़ती जा रही है । राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के सुर कभी नहीं मिलते । मध्यप्रदेश में कमलनाथ और सिंधिया के सुर न मिलने के चलते सरकार गिर गयी थी । ऐसे अनेक उदाहरण हैं ।
अब जबकि पंजाब में विधानसभा चुनाव निकट आते जा रहे हैं इस राज्य की कांग्रेस की उलझनें बढ़ती जा रही हैं । मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को हटा कर भी ये उलझनें कम नहीं हुईं । मज़ेदार बात कि अपनी पसंद का मुख्यमंत्री बनवा कर भी नवजोत सिद्धू संतुष्ट नहीं हुए । कुछ अधिकारियों को हटाने की मांग करते करते एक बार तो अध्यक्ष पद से ही इस्तीफा देने की घोषणा कर डाली । अब फिर अध्यक्ष पद संभाल कर मुख्यमंत्री चन्नी के पीछे हाथ धोकर पड़े रहते हैं । यदि रही है रहा तो कांग्रेस कवर कैसे करेगी जो नुकसान हो चुके हैं ? कभी सिद्धू पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ से उलझ रहे हैं तो कभी मुख्य मंत्री चन्नी से । 
कांग्रेस उलझी हुई है , सुलझायेगा कौन? कब सुलझायेगा? क्या देर तो नहीं हो जायेगी सुलझाते सुलझाते ? 
इधर दो दिन पंजाब में ही बिताये । लुधियाना और जालंधर जैसे बड़े शहरों में मुख्य सड़कों के दोनों तरफ लगे पोल्ज पर चन्नी ही चन्नी के पोस्टर्स लगे हुए हैं पर इस प्रचार से क्या होगा ? जब आप अपने घर में ही इकट्ठे नहीं ? सुनील जाखड़ ने तो कह दिया कि पंजाब में ड्रामा पोलिटिक्स चल रही है । यह विश्वसनीय नहीं । यह निशाना सिद्धू पर ही है । 
दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल और आप पार्टी की झाडू का भी खूब प्रचार देखा पंजाब के इन्हीं दो जिलों में और ऐसे लगा जैसे मुख्य मुकाबला ही कांग्रेस और आप में होना जा रहा है प्रचार में । पर जब तक कांग्रेस अपना घर ठीक नहीं कर लेती तब तक प्रचार किसी काम न आएगा । यह पक्का है ।
-*पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी।