समाचार विश्लेषण/पंजाब में कांग्रेस की बारात और दूल्हा कौन?

पंजाब विधानसभा चुनाव आने तक इसके अध्यक्ष , क्रिकेटर और काॅमेडी शोज के जज नवजोत सिद्धू क्या क्या नहीं कहेंगे , ये तो वे भी नहीं जानते लेकिन इतना तय है कि नये नये झमेले में पार्टी को खुद ही फंसाते रहेंगे ।

समाचार विश्लेषण/पंजाब में कांग्रेस की बारात और दूल्हा कौन?
कमलेश भारतीय।

-*कमलेश भारतीय 
पंजाब विधानसभा चुनाव आने तक इसके अध्यक्ष , क्रिकेटर और काॅमेडी शोज के जज नवजोत सिद्धू क्या क्या नहीं कहेंगे , ये तो वे भी नहीं जानते लेकिन इतना तय है कि नये नये झमेले में पार्टी को खुद ही फंसाते रहेंगे । नशाखोरी पर पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह तक को घेरते रहे और ऐसा चक्र चलाया कि उनकी छुट्टी करवा कर ही दम लिया । फिर भी नये बने मुख्यमंत्री चन्नी से भी खुश नहीं हुए और एक बार तो अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे डाला था लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने इस दुलारे को अध्यक्ष बनाये रखा । यह बहुत महंगा पड़ने वाला फैसला बनने जा रहा है । 
सिद्धू को मुख्यमंत्री बनने की बहुत उतावली है और वे कांग्रेस हाईकमान से पूछ रहे हैं कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की बारात का दूल्हा कौन होगा ? जनता को बताया जाना चाहिए । विधानसभा चुनाव से पहले कौन मुख्यमंत्री का चेहरा होगा यह बताया जाये । यह बात एक टी वी चैनल में बातचीत के दौरान उठाई है ।
दूसरी ओर पंजाब प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी पहले ही कह चुके हैं कि चुनाव में कांग्रेस कभी किसी को पहले से ही मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बनाती । यह कांग्रेस की परंपरा नहीं है लेकिन सिद्धू हैं कि अपनी ही पार्टी को मुसीबत में डालने पर तुले हैं । जहां कांग्रेस के दो नेता पार्टी छोड़ कर भाजपा में जा मिले , अध्यक्ष महोदय को इस बात की फिक्र नहीं और अन्य विधायकों से मिल कर उन्हें पार्टी में बनाये रखने की चिंता नहीं, बस चेहरा बनने की जल्दी है । जब विधायक जीत कर आयेंगे तभी तो बारात बनेगी सिद्धू जी और फिर विधायक अपना नेता यानी दूल्हा भी चुन लेंगे । क्या आपको हाईकमान पर विश्वास नहीं ?  आखिर अपनी ही पार्टी को संकटों में फंसाना कब छोड़ोगे? यह कोई काॅमेडी शो नहीं है सिद्धू जी जिसमें आप कोई बात कहें और हाईकमान ताली ठोक दे । गुरु यह राजनीति है और इसमें थोड़ी गंभीरता और सब्र से काम लो न कि उतावलेपन होते रहो । जानते हो न कि ज्यादा उतावलापन काम बिगाड़ भी सकता है । उत्तराखंड में भी हरीश रावत की देखरेख में चुनाव लड़े जायेंगे लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बनाया जा रहा । वे भी कद्दावर नेता हैं और मुख्यमंत्री रह चुके हैं फिर भी चेहरा नही बनाये जायेगे । फिर आपको इतनी जल्दी किस बात की ? गुरु थोड़ा इंतजार का मजा लीजिए ...
-*पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।