साहिबजादों की शहादत की गाथा सुन भावुक हुई संगत
गुरुद्वारा सोमा शाह में सफर-ए-शहादत कार्यक्रम आयोजित।
रोहतक, गिरीश सैनी। दसवें सिख गुरू, श्री गुरु गोविंद सिंह जी के चार साहिबजादों की शहादत को समर्पित सफर-ए-शहादत कार्यक्रम की श्रृंखला में स्थानीय डीएलएफ कॉलोनी स्थित गुरुद्वारा सोमा शाह में कीर्तन समागम का आयोजन किया गया।
हेड ग्रंथी भाई गुरजीत सिंह ने बताया कि दूर-दूर से पहुंची संगत ने दरबार साहिब में माथा टेक कर साहिबजादों के बलिदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी। दरबार हाल में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की कतारें लगी रही। समागम में हजूरी रागी बीबा मनजोत कौर ने अपनी मधुर वाणी में “मितर प्यारे नूं”, “गुरमुख लाहा ले गए” और “जे चले हो सरहंद नू”, “रखी धर्म वाली शान दुख सीने”, “दस नी हवाए मैन्नू”, “संगते नी मेरा नाम गुजरी”, “ना उडीकी ना उडीकी दादीए” जैसे शब्द गाकर साहिबजादों को नमन किया।
तत्पश्चात, ज्ञानी जसविंदर सिंह दर्दी (अमृतसर वाले) ने चार साहिबजादों के अमर बलिदान की गाथा सुना कर संगत को भाव विभोर किया। उन्होंने संगत को गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा साहसपूर्वक मुगलों से मुकाबला करने, चारों साहिबजादों की वीरता और बलिदान की गाथा से अवगत कराया।
कीर्तन समागम उपरांत श्रद्धालुओं के लिए गुरु का लंगर अटूट बरताया गया। इस दौरान सरदार चरण शाह सिंह, गुरमीत शाह सिंह, सरदार लाभ सिंह, हजूरी रागी बीबा मनजोत कौर, कुलदीप सिंह सोनी, सरदार हरिंद्र सिंह, वीरेंद्र गोसाई, हरजीत कौर, अरविंदर कौर सहित अन्य सेवादार व सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालु मौजूद रहे।
सफर-ए-शहादत कार्यक्रम के तहत 26 दिसंबर-शुक्रवार को सुभाष नगर स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा में जत्थेदार बलजीत सिंह (दादूवाल) तथा 27 दिसंबर-शनिवार को मॉडल टाउन स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा में बाबा अमरजीत सिंह (नानकसर वाले) साहिबजादों की वीर गाथा और उनके सर्वोच्च बलिदान को याद करेंगे।
Girish Saini 

