लोकतंत्र को लेकर आमजन में चिंता: डा. सतीश त्यागी 

लोकतंत्र तथा लोकतांत्रिक परंपरा को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर जनसंवाद की ज़रूरत: सुनित मुखर्जी

लोकतंत्र को लेकर आमजन में चिंता: डा. सतीश त्यागी 

रोहतक, गिरीश सैनी । समाज तथा राष्ट्र में लोकतंत्र की जड़े मजबूत करने में जहां मीडिया का योगदान महत्वपूर्ण है, वहीं नागरिक समाज, शिक्षक समाज तथा आम जनमानस को भी लोकतांत्रिक चेतना जागृत करने का निरंतर प्रयास करना होगा। ये विचार रविवार को डेमोक्रेटिक फोरक के तत्वावधान में आयोजित लोकतंत्र समाज और मीडिया विषयक गोष्ठी में उभर कर आए। 

इस गोष्ठी में मुख्य वक्ता प्रतिष्ठित पत्रकार एवं चिंतक डा. सतीश त्यागी ने कहा कि लोकतंत्र को लेकर जहां आमजन में चिंता देखने को मिल रही है, वहीं लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं बारे समाज में उदासीनता भी नजर आती है। वहीं मेन स्ट्रीम मीडिया क्षेत्र में संस्थागत पत्रकारिता में जनतांत्रिक, सामाजिक सरोकारों की गुंजाइश कम होती जा रही है। संवैधानिक संस्थानों का चीरहरण जारी है, ऐसा डा. त्यागी का कहना था। वहीं, विभिन्न संस्थानों में आंतरिक लोकतंत्र में क्षरण जारी है। डा. त्यागी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि लोकतंत्र को सुदृढ़ करने के लिए जनमानस तक लोकतांत्रिक नैरीटिव ले जाना पड़ेगा। लोकतांत्रिक चेतना जागृत करने का कार्य प्रभावी तरीके से करना होगा। अपने संबोधन उपरांत डा. सतीश त्यागी ने उपस्थितजन के सवालों के जवाब दिए।

डेमोक्रेटिक फोरम के अध्यक्ष प्रो. सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि लोकतांत्रिक परंपरा को जीवित रखने के लिए आम समाज के साथ-साथ महाविद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने बताया कि सन् 1977 में रोहतक में डेमोक्रेटिक फोरम स्थापित किया गया था जिसका उद्देश्य लोकतांत्रिक जागरूकता लाना तथा विभिन्न गोष्ठियों/सार्वजनिक व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन करना रहा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के प्राध्यापक सुनित मुखर्जी ने कहा कि राजनीतिक लोकतंत्र की विडंबना ये है कि चुनावी परिदृश्य में जातिगत वोट बैंक की राजनीति हावी है। वहीं धन बल का भी बोलबाला है। जरूरत इस बात कि है कि लोकतंत्र तथा लोकतांत्रिक परंपरा को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर जनसंवाद किया जाए। संवाद, विमर्श तथा ग्रास रूट स्तर पर लोकतांत्रिक सोच को मजबूत करने की जरूरत को उन्होंने रेखांकित किया।

कार्यक्रम का संचालन-समन्वयन शिक्षाविद डा. नरेन्द्र चाहर ने किया। कार्यक्रम में कैप्टन शमशेर मलिक, डा. जगमती सांगवान, डा. प्रमोद गौरी, डा. जितेन्द्र प्रसाद, एडवोकेट रामचंद्र सिवाच ने विषय पर अपनी टिप्पणियां प्रस्तुत की। रोहतक के प्रबुद्ध नागरिक समाज सदस्यों ने कार्यक्रम में शिरकत की।