समाचार विश्लेषण/आइए हुजूर आपको सितारों में ले चलूं ...दिल झूम जाए ....
-कमलेश भारतीय
सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की या हत्या हुई । भूल जाइए आप ।
आइए हुजूर आपको सितारों में ले चलूं
दिल झूम जाए ऐसी बहारों मे ले चलूं
यदि मीडिया को आप गौर से देखें तो वे यही गाना गाते झूमते दिख रहे हैं क्योंकि उनके लिए यह ऐसा मामला है जो दिन प्रतिदिन उनकी टीआरपी को उछालने वाला है । उछालता जा रहा है । खुद आर रिपब्लिक कह रहा है कि हमने आज तक की दादागिरी और विश्वसनीयता को हिला कर रख दिया है और अब हम नम्बर वन हैं । रोज़ टीआरपी का प्रतिशत दिखाया जाता है । उधर आज तक भी दावा कर रहा है कि वही नम्बर वन है और सुशांत सिंह राजपूत से जुड़ी हर खबर पहले देता है । बाकी खबरों की न रिपब्लिक को चिंता है और न हमें । हम एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं । हमें सिर्फ आपस में मुकाबला करना है , जनता क्या देखना चाहती है , इससे हमें क्या लेना देना?
अब देखिए जब सुशांत सिंह राजपूत केस शुरू हुआ तब रिया और अंकिता लोखंडे के दृश्य जिनकी कोई जरूरत न कोई अर्थ दिखाये जाते थे । फिर आप बोर न हो जाएं तो जिक्र शुरू हुआ कंगना रानौत का । उसकी इंटरव्यूज का और दृश्य वही उत्तेजक से उत्तेजक दृश्य । इससे भी कुछ ध्यान हटा तो आ गयीं अब शर्मिला टैगोर की पोती सारा अली खान । चर्चा तो दबी जुबान में चलती रही लेकिन अब रिया ने नाम ले ही दिया और लो एपीसोड में सारा अली खान की एंट्री हो गयी । फिल्म केदारनाथ में सुशांत सिंह राजपूत के साथ काम किया और दादी ने बड़ी सराहना की लेकिन अब भेद खुला कि चार माह तक सुशांत के साथ लिव इन और विदेश टूर के साथ फाॅर्म हाउस में वेलेन्टाइन भी मनाया और ड्रग्स पार्टीज भी इंजाॅय कीं । अभी भी बोर हो रहे हो ? कोई नहीं रकुल प्रीत सिंह भी तैयार है और खंबाटा डिजायनर भी । आपके लिए हुजूर तारे तोड़ कर ले आयेंगे मीडिया वाले और ये तो तारे नहीं सितारे हैं , सितारे । आएगा मज़ा? कुल पच्चीस लोगों की लिस्ट बनवा दी है रिया ने आपके मनोरंजन के लिए । कहिए हुजूर क्या क्या देखोगे और हम क्या क्या दिखायें ? अभी तो कृति सेनन भी एंट्री ले सकती है । बहुत कुछ है । समस्याएं? देश में कौन सी समस्याएं ? बेरोजगारी? किसानों पर लाठीचार्ज? कौन सी बड़ी बात ? किसने कहा था कि कोरोना में बिना मास्क लगाये कुरूक्षेत्र या पिपली जाओ ? अरे । जाओ खेतों में काम करो अन्नदाता । सड़कों पर क्या काम ? बेरोजगारी के विरोध में सत्रह सितम्बर को युवा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर ताली और थाली बजाने जा रहे हैं तो हम क्या करें ? अरे रिया चक्रवर्ती, सारा अली खान , रकुल प्रीत सिंह के डांस नम्बर्ज देखो यार । सारी बेरोजगारी भूल जाओगे । ऐसा नशा आएगा कि ड्रग्स ढूंढते फिरोगे या बेचते फिरोगे । सारी बेरोजगारी दूर हो जायेगी । शौविक और रिया की तरह लाखों ही नहीं करोड़ों में खेलोगे पर कभी जेल गये तो हमें बुरा न कहिएगा । यह तो इस धंधे का पार्ट है साहिब । मंदा है पर धंधा चोखा है ।
अब देखो न । मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे उसी तीर से कंगना का शिकार करने जा रहे हैं जिससे रिया को जेल हुई यानी ड्रग्स सेवन । क्या हुआ कि अध्ययन सुमन ने चार साल पहले बयान दिया था । काम तो अब आ रहा है और वह हाथ जोड़ जोड़ कर कह रहा है कि मुझे बख्श दो । मेरा नाम न जोड़ो । अरे छोरे अध्ययन । अब बच कर कहां जायेगा ? तुम्हारे पापा ने ही तो कंगना को डायन तक कहा था । अब वह झांसी की रानी कैसे हो गयी ? देखते जाओ । जल्द कंगना पर नकेल कसने वाली है । कंगना की मां ने देर नहीं की भाजपा ज्वाइन करने में और कंगना भी जय श्री राम कहने लगी । यानी सारा खेल खुल गया । भेद खुल गया । कौन डायलाॅग दे रहे थे ? समझ आया ? कौन बाला साहब ठाकरे का इतिहास खंगाल रहे थे ? क्यों ? महाराष्ट्र की अगाड़ी सरकार गिराने की चाल समझ आई ? महाभारत में तो शिखंडी था आगे यहां तो पूरी महिला है । कोई झूठ नहीं । कोई अर्द्ध सत्य नहीं । सब सत्य है । जय श्री राम । पर बनेगा नहीं काम ।
भेद खुल गया तो,,,