होली से पहले चुनाव के रंग बंगाल में

होली से पहले चुनाव के रंग बंगाल में
कमलेश भारतीय।

-कमलेश भारतीय 
होली के रंग आने वाले हैं और दिल से दिल मिल जाने वाले हैं लेकिन पश्चिमी बंगाल के चुनाव के रंग तो गजब ढा रहे हैं । एक दूसरे पर ऐसी छींटाकसी की पूछो मत । पश्चिमी बंगाल में अमित शाह , जे पी नड्डा और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार रैलियां कर रहे हैं और इन रैलियों को परिवर्तन रैलियां कहा जा रहा है । यही परिवर्तन रैलियां अन्य राज्यों के चुनाव पर भी की जाती रही हैं और वैसे ही बड़े बडे बोल बोलेगा रहे हैं । जैसे हरियाणा में बोले गये थे -अबकी बार , पचहतर पार । पचहतर पार तो हुए नहीं, मुश्किल से भाग दौड़ कर गठबंधन सरकार बनाई । अब अनिल विज कांग्रेस द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी पर टिप्पणी कर रहे हैं कि पहले हुड्डा कांग्रेस का विश्वास तो जीत लें । वाह । जैसे भाजपा में सबका विश्वास जीत रखा हो । 

खैर पश्चिमी बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा उन्हें टोलाबाज कहती है । यदि मैं टोलाबाज हूं तो भाजपा दंगाबाज ही नहीं धोखेबाज भी है । इस तरह के रंग एक दूसरे पर फेंके जा रहे हैं वहां रैलियों में । अरे यार इस भाषा में भी परिवर्तन लाने का आह्वान करो । जैसे यूपी में शमशान और कब्रिस्तान की बेवजह चर्चा के बाद बात गुजरात के गधों तक पहुंच गयी थी । हद है न रंग डालने की । पश्चिमी बंगाल के चुनाव से पहले हिंसा बढ़ी और बढ़ती डा रही है और अमित शाह कहते हैं कि बंगाल में बंगाल का बेटा राज करेगा । ढूंढ लिया तृणमूल से बंगाल का बेटा ? दलबदल के बल ये दावे किये जा रहे हैं । दीदी कहती है कि मैं ऐसी गोलकीपर हूं जो भाजपा को गोल करने नहीं देगी । वह सब सम्भालेगी । अब दावे तो दावे हैं । किसका दावा सच्चा होगा जनता बतायेगी । पर हिंसा को रोकने की कोई कोशिश नहीं । खुद अमित शाह को विरोध के चलते एक बार तो अपना कार्यक्रम रद्द कर दिल्ली लौटना पड़ा था , तब वे गृह मंत्री नहीं थे । गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की बात भी हुई और पराक्रम दिवस भी मनाया गया । सुभाष चंद्र बोस भी याद आए । पर पश्चिमी बंगाल के चुनाव को छोड़ कर ये कांग्रेस के राहुल गांधी केरल के समुद्र में  मछुआरों के साथ मछलियां पकड़ने क्यों चले गये? कितनी गलत टाइमिंग है । सही टाइमिंग न होने से ही कांग्रेस का यह हाल है ।

बढ़ती महंगाई , पेट्रोल , डीजल व रसोई गैस के बढते दामों और,तीन कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस ने प्रदर्शन किये । राहुल गांधी को हरियाणा में बुलाने की कवायद शुरू हो रही है पर पहले पश्चिमी बंगाल तो जायें राहुल । पुडुचेरी की सरकार गिर गयी । उसकी सोचें । वहां भी चुनाव निकट हैं । भाजपा समय रहते सरकार गिरा कर संतुष्ट है । आगे क्या होगा यह तो वोटर देवता जाने ।