अमेज़न और फ्लिपकार्ट के बयान पर कैट भड़का 

कहा, हमें किसी भी मध्यस्थ की जरूरत नहीं है

अमेज़न और फ्लिपकार्ट के बयान पर कैट भड़का 

लुधियाना: कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट के उस वक्तव्य का मजाक उड़ाया है जिसमें उन्होंने कहा है की वो हाल ही में प्रतुत केंद्रीय बजट के प्रावधानों का अध्ययन करेंगे और सरकार को बताएँगे की किस प्रकार से देश के छोटे व्यापारियों को देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि में और बेहतर तरीके से जोड़ा जा सकता है। कैट ने कहा की अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट का यह बयान गत दिनों सरकार द्वारा उनके प्रति अपनाये गए कड़े रूख को देखते हुए केवल एक लीपापोती है। कैट ने अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट द्वारा देश के व्यापारियों को छोटा व्यापारी कहने पर गहरी आपत्ति जताई है और कहा है कि जितना बड़ा उनका कारोबार नहीं है उससे ज्यादा का योगदान देश भर के व्यापारी पहले से ही भारत की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान दे रहे हैं। इन कंपनियों को अपने को बड़ा समझने की ग़लतफ़हमी को अच्छा होगा दूर कर लेना चाहिए। 

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने इन दोनों कंपनियों के इस बयान पर हैरानगी जताते हुए कहा कि ये दोनों कंपनियां जिन्होंने देश के क़ानून और एफडीआई पालिसी का कभी पालन नहीं किया और अपने अस्वस्थ व्यापारिक मॉडल से देश के करोड़ों व्यापारियों के व्यापार को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी वो किस मुहँ से व्यापारियों के हितचिंतक बनने की कोशिश कर रहे हैं। देश के व्यापारियों को अपने व्यापार के लिए इन कंपनियों के सहयोग की कोई जरूरत नहीं है। "हम स्वयं में सक्षम हैं और किसी भी चुनौती का मुकाबला कर सकते हैं। यदि इन कंपनियों को भारत में व्यापार करने है तो बेहतर होगा ये देश के कानून और सरकार की एफडीआई पालिसी का अक्षरश पालन करें अन्यथा देश के 7 करोड़ व्यापारी इन्हे भारत छोड़ने पर मजबूर कर देंगे"- कहा दोनों व्यापारी नेताओं ने। 

श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीथारमन द्वारा बजट में ई कॉमर्स पर हो रहे लेन दें पर 1 प्रतिशत के टीडीएस लगाने का स्वागत करते हुए कहा कि इससे किसी हद तक इन कंपनियों द्वारा अपने पोर्टल पर हो रहे व्यापार को नियंत्रित करने पर लगाम लगेगी।  

श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा कि देश के व्यापारियों को ई कॉमर्स से जोड़ने में इन कंपनियों के कथित बयान में कोई दम नहीं हैं।  अगर ये कंपनियां वास्तव में व्यापारियों को प्रोत्साहित करने चाहती हैं तो वो यह बताएं पिछले पांच वर्षों में जो व्यापारी इनके पोर्टल पर विक्रेता के रूप में पंजीकृत है, उनके व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए इन कंपनियों ने क्या कदम उठाये? कितने व्यापारियों के व्यापार को आगे बड़ा पाए? देश के व्यापारी इन कंपनियों के इस झूठ का पर्दाफाश करेंगे। 

दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा कि कैट ने देश के 7 करोड़ व्यापारियों को ई कॉमर्स व्यापार से जोड़ने का अभियान 1 सितम्बर से चलाया है जिसके अंतर्गत मध्य प्रदेश में कैट इसका पायलट भी सफल रूप से कर चुका है और अब 1 अप्रैल से इस अभियान को पूरे देश भर में लांच किया जाएगा। इसलिए अमेज़न या फ्लिपकार्ट को व्यापारियों को ई कॉमर्स से जोड़ने के विषय में कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है और सरकार से इस बारे में कोई बात करनी होगी तो कैट सीधे सरकार से बात करेगा क्योंकि सरकार हमारी बात सुनती भी है और उस पर कार्यवाही भी करती है। हमें किसी भी मध्यस्थ की जरूरत नहीं है।