समाचार विश्लेषण/टूटी चुप्पी, मची खलबली ....?
-कमलेश भारतीय
बड़े ज़ोर शोर से कहा जा रहा था कि सदी के महानायक यानी बिग बी ने सुशांत सिंह राजपूत के मुद्दे पर कुछ नहीं कहा । अक्षय कुमार या तीनों खान भी चुप क्यों हैं ? आखिर बिग बी के परिवार की चुप्पी टूटी और वह भी राज्यसभा में जिसे सारे देश ने सुना और मच गयी खलबली । मनाली बैठी कंगना तक पहुंची बात ।
असल में भोजपुरी सिनेमा के हीरो और गोरखपुर से भाजपा सांसद रवि किशन ने लोकसभा में प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान के साथ फिल्मी दुनिया के गटर यानी ड्रग माफिया की सफाई की मांग उठा दी । बस । इसी बात पर बिफर गयीं कभी गुड्डी, मिली जैसी फिल्मों की लोकप्रिय नायिका जया भादुड़ी और राज्यसभा में खूब खूब चिल्ला कर पूछा कि जिस थाली में खाते हो , उसी में छेद करते हो ? लो , हो गयी खलबली । कंगना ने मनाली बैठे सारी लोकलाज त्याग कर पूछ लिया कि यदि आपकी बेटी श्वेता या आपके बेटे अभिषेक के साथ ऐसा कुछ हुआ होता और वह पंखे से सुशांत की जगह लटका पाया जाता , तब भी यही कहतीं ? आप हमारी ओर भी देखो और कुछ सोचो । न आप सुशांत पर कुछ बोलीं , न रिया पर , न मेरे ऑफिस को तोड़े जाने पर । आज अचानक इतना गुस्सा क्यों ?
रवि किशन भी टी वी चैनलों पर आए और कहा कि मैंने किसी की थाली नहीं ली । अपनी थाली खुद बनाई और मेहनत से यहां तक पहुंचा । फिर ड्रग्स माफिया के सफाये की मांग उठा कर क्या गलत किया ? अब एक चैनल तो ऐसा है कि वह ऑन द स्पाॅट फैसला सुना देता है और पूछता है कि आप किसके साथ हो ? क्यों भाई , सारी एजेंसियों से ऊपर हो क्या आप ? सीबीआई , ईडी, मुम्बई पुलिस हो या फिर एनसीबी ? कौन सी एजेंसी हो आप ? जया भादुड़ी भी तो एक पत्रकार हरीश भादुड़ी की बेटी थी । उसका भी फिल्मी दुनिया में कोई गाॅडफादर नहीं था । अभिनय से जगह बनाई । फिर उनकी बात कितनी गलत है ? दौलत, शोहरत , नेम फेम सब इस मुम्बई की फिल्मी दुनिया की बदौलत ही तो पाते हैं । फिर यह गटर कैसे हो गयी ? जया का पहलू भी अपनी जगह सही लेकिन सारी एजेंसियां और सारा राष्ट्रवाद एक तरफ और जया की आलोचना दूसरी तरफ । हालांकि सोनम कपूर और फरहान अख्तर ने भी जया के पक्ष में अपनी बात कही । सीधी बात कि दो टुकड़ों में बंट गयी फिल्मी दुनिया । न यह रवि किशन की ही पूरी तरह है , न कंगना की और न ही जया भादुड़ी की । संजय राउत भी कूद पड़े जया भादुड़ी के पक्ष में । कहा कि कुछ लोगों के कारण फिल्म इंडस्ट्री बदनाम हो रही है । कंगना ने बीएमसी पर दो करोड़ रुपये के हर्जाने का केस ठोक दिया है ऑफिस तोड़ने पर । उधर पूर्व नेवी ऑफिसर भी कंगना की तरह राज्यपाल से मिलने गये तर बाहर आकर भाजपा में शामिल हो गये । कोई पर्दा नहीं । कोई कहां से कठपुतलियों को नचा रहा है ? यह सब दिखने लगा है । वैसे एक बात तो है जैसे मैदान में जाने से पहले खिलाडियों का डोप टेस्ट होता है , वैसे ही फिल्म की शूटिंग से पहले या इसके दौरान डोप टेस्ट जरूरी कर दिया जाये । यदि ऐसा होता तो केदारनाथ फिल्म की शूटिंग के दौरान सुशांत और सारा अली पकड़ में आ चुके होते । वैसे एक कमाल की बात आज तक के पूर्व एंकर ,आप के नेता रहे आशुतोष ने बहस के दौरान कही कि चल रही है मुहिम कि जस्टिस फार सुशांत लेकिन हर चैनल पर क्या दिखाया जा रहा है कि सुशांत के फाॅर्म हाउस पर ड्रग पार्टियां होती थीं । उसमें सारा अली खान , रकुल प्रीत सिंह , खंबाटा और रिया चक्रवर्ती शामिल होती थीं । अरे यार यह तो बताओ यह क्या साबित करने में लगे हो कि सुशांत ड्रग एडिक्ट था या उसके लिए न्याय मांग रहे हो? सच । बहुत सही सवाल । चैनल्ज को चाहिए ग्लैमर न कि किसी के लिए न्याय ।