बिग डाटा इज द न्यू ऑयल एंड एआई इज द न्यू इलेक्ट्रिसिटीः प्रो नसीब सिंह
रोहतक, गिरीश सैनी। बिग डाटा इज द न्यू ऑयल एंड एआई इज द न्यू इलेक्ट्रिीसिटी। अगर डाटा वह ईंधन है जो हमारे डिजिटल समाज को शक्ति देता है तो कृत्रिम बुद्धिमत्ता को नई ऊर्जा माना जा सकता है, जिसमें दुनिया की कई समस्याओं को हल करने की क्षमता है। यह उद्गार महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के डिजिटल लर्निंग सेंटर के निदेशक एवं कंप्यूटर साइंस विभाग के प्रोफेसर डॉ. नसीब सिंह गिल ने यूजीसी-एमएमटीटीसी, एमडीयू द्वारा- इंटरडिसिप्लिनरी रिफ्रेशर कोर्स में बतौर रिसोर्स पर्सन व्यक्त किए।
प्रो. नसीब सिंह ने अपने संबोधन में- डिजिटल टूल्स एंड ट्वेंटी सेंचुरी टीचिंग-लर्निंग स्किल्स तथा डेवलपिंग मूक्स एंड यूजिंग मूडल एलएमएस फॉर टीचिंग एंड लर्निंग विषयों पर विशेष व्याख्यान दिए। उन्होंने वर्तमान समय में बिग डाटा और एआई को गेम चेंजर बताते हुए इसकी महत्ता से प्रतिभागियों को अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि शिक्षा का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। उन्होंने डिजिटल टीचिंग-लर्निंग को भविष्य की शिक्षा पद्धति बताते हुए प्रतिभागियों को भविष्य की कक्षाओं के स्वरूप तथा शिक्षण प्रणाली बारे विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने प्रतिभागी शिक्षकों से नई तकनीकों से अपडेट रहने का आह्वान किया और उन्हें डिजिटल टीचिंग-लर्निंग में पारंगत होने के लिए प्रेरित किया। प्रो. गिल ने अपने व्याख्यानों के अंत में प्रतिभागियों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए।
Girish Saini 

