हरियाणा भाजपा में बड़ा बदलाव, सांसद नायब सिंह सैनी बने प्रदेश अध्यक्ष

हरियाणा भाजपा में बड़ा बदलाव, सांसद नायब सिंह सैनी बने प्रदेश अध्यक्ष

नई दिल्ली, गिरीश सैनी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हरियाणा संगठन में बदलाव करते हुए शुक्रवार को पार्टी के लोकसभा सांसद नायब सिंह सैनी को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। कुरुक्षेत्र से भाजपा के सांसद नायब सिंह सैनी भाजपा के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चे के उपाध्यक्ष भी हैं।

वहीं, हरियाणा भाजपा अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे ओम प्रकाश धनखड़ को पार्टी का राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया है। पार्टी की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में इन नियुक्तियों की घोषणा की गई। बयान में कहा गया कि ‘‘यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी।’’

इस घोषणा के बाद धनखड़ ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर ए एक पोस्ट के जरिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से लेकर बूथ स्तर तक के नेतृत्व को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, "धन्यवाद केंद्रीय नेतृत्व, धन्यवाद प्रदेश टीम भाजपा, धन्यवाद जिला अध्यक्ष- जिला टीम, धन्यवाद मंडल अध्यक्ष- मंडल टीम, धन्यवाद शक्ति केंद्र प्रमुख- सह प्रमुख, धन्यवाद त्रिदेव- बूथ समिति, धन्यवाद पन्ना प्रमुख। आपने सबने संगठन कार्य हेतु परिश्रम की पराकाष्ठा की - दिल की गहराइयों से आभार, नमन आपकी मेहनत को। बधाई नायब सिंह सैनी को प्रदेश अध्यक्ष के दायित्व के लिये।"

पहली बार के सांसद नायब सिंह सैनी की नियुक्ति से भाजपा को राज्य में ओबीसी समुदाय के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने में मदद मिल सकती है, क्योंकि जाट वोट बैंक का समर्थन बड़े पैमाने पर कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के बीच बंटा हुआ है। भाजपा पहले से ही जेजेपी के साथ गठबंधन में है। जजपा नेता दुष्यंत चौटाला हरियाणा के उपमुख्यमंत्री हैं।

ओपी धनखड़ को जुलाई 2020 में भाजपा की हरियाणा इकाई का प्रमुख नियुक्त किया गया था और उन्होंने इस साल जुलाई में अपना कार्यकाल पूरा किया। हरियाणा में अगले साल लोकसभा चुनाव के अलावा विधानसभा के भी चुनाव हैं। नायब सिंह सैनी पार्टी की स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य हैं। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव के साथ साथ पूरे देश में आम चुनाव के मद्देनजर पार्टी ने नायब सिंह सैनी को एक बड़ी जिम्मेदारी दी है। प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस लगातार प्रदेश सरकार पर हमले कर रही है। ऐसे में नए प्रदेश अध्यक्ष का फोकस, संगठन को कैसे मजबूत किया जाए और कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए कैसे तैयार किया जाए, संभवत: इन मुद्दों पर ही होगा।