खुद डाॅक्टर होना बड़े काम आ रहा है कोरोना से निपटने में: प्रियंका सोनी 

खुद डाॅक्टर होना बड़े काम आ रहा है कोरोना से निपटने में: प्रियंका सोनी 
प्रियंका सोनी।

-कमलेश भारतीय  
खुद एक मेडिकल डाॅक्टर होना इस कोरोना से निपटने में बडे काम आ रहा है । यह कहना है हिसार की उपायुक्त डाॅ प्रियंका सोनी का । वे पहले एक एमबीबीएस डाॅक्टर रहीं और एक साल काम भी किया । 
-आजकल कितने घंटे तक काम कर रही हैं ?

-जब बहुत मारा-मारी रही अप्रैल के माह में तब मुश्किल से तीन चार घंटे ही आराम कर पाती।  अब भी कम।से कम ग्यारह बारह घंटे लग ही जाते हैं । सुबह सात बजे से ही कोरोना की अपडेट लेना शुरू कर देती हूं ।
-देवीलाल संजीवनी अस्पताल का आइडिया कैसे आया ?
-यह 24 अप्रैल की बात होगी जिन दिनों ऑक्सीजन की मारा-मारी शुरू हो चुकी थी तब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जी का फोन आया कि क्यों न हिसार में औद्योगिक इकाई से तालमेल कर ऑक्सीजन की कमी पूरी की जाये । इस पर जिंदल उद्योग समूह से बात हुई और सुखद परिणाम के रूप में सोलह मई को पांच सौ बेड का देवीलाल संजीवनी अस्पताल का उद्घाटन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किया । ऐसा ही दूसरा अस्पताल पानीपत में भी बनाया गया । 
- कितने लोग अब तक उपचार के लिए आए ?
-लगभग दो सौ जिनमें से आज के दिन चालीस भर्ती हैं । 
-कौन यहां तैनात है ?
-ईएसआई के डाॅक्टर्ज व कुछ मेडिकल काॅलेजों के ट्रेनी डाॅक्टर्ज हैं । यह सारा स्टाफ सरकार द्वारा ही जुटाया गया है । 
-और आप खुद तो डाॅक्टर हैं ही । 
-मैंने कहा तो जवाब दिया कि सच में इस कोरोना से निपटने में खुद का डाॅक्टर होने का एक्सपीरियंस बहुत काम आ रहा है । एक तो जनता की समस्याओं को प्रशासनिक स्तर पर समझना और दूसरे डाॅक्टर्ज की समस्याओं को समझने में बड़ी मदद मिल रही है । डाक्टरों की परेशानी भी समझ सकती हूं ।
-और क्या उपाय किये हैं?
-ऑक्सीजन कंट्रोल रूम बनाया है । और सभी अस्पतालों से लगातार इनटच रहने की और मीटिंग्स करने की कोशिश करती हूं । 
-क्या इस बार प्रवासी मजदूरों का पलायन सामने आया है ?
-नहीं । इस बार यह समस्या नहीं आई ।
-काले फंग्स के केस ?
-आपके लिए अग्रोहा मेडिकल काॅलेज को रेफर किया जाता है ।
-और दुकानदार/व्यापारियों से ?
-सबको यह समझाने की कोशिश कि यह नियम /कानून आपके भले और जीवन के लिए हैं और इनको पालन करने में सहयोग दीजिए ।