ग्रामीण युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और डिजिटल ज्ञान से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएंगे अटल पुस्तकालयः डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान
हरियाणा के 250 गांवों को मिली अटल पुस्तकालय की सौगात।
करनाल, गिरीश सैनी। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की जयंती की पूर्व संध्या पर हरियाणा के 250 गांवों को अटल पुस्तकालयों की ऐतिहासिक सौगात मिली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की मौजूदगी में इन पुस्तकालयों का लोकार्पण पंचकुला से किया।
जिले के राहड़ा गांव स्थित अटल पुस्तकालय के स्थानीय लोकार्पण समारोह में ग्राम्य समुदाय के साथ बतौर मुख्य अतिथि, हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान के निदेशक डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने शिरकत की। डॉ. चौहान ने बताया कि पंचायत मंत्रालय द्वारा प्रदेश में लगभग एक हजार ग्रामीण ई-पुस्तकालयों की स्थापना का कार्य शुरू किया गया था। इनमें से 250 पुस्तकालयों का निर्माण लगभग चौंतीस करोड़ की लागत से पूरा हुआ है और अब इन्हें संचालन के लिए ग्राम पंचायतों को सौंप दिया गया है।
निदेशक डॉ. चौहान ने बताया कि इन अटल पुस्तकालयों के संचालन के लिए सरपंच की अध्यक्षता में एक प्रबंधन समिति गठित करने का प्रावधान किया गया है, जिसमें गांव में निवास कर रहे सेवानिवृत्त शिक्षाविदों तथा स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को शामिल करने का भी प्रस्ताव है, ताकि पुस्तकालय केवल भवन न रहकर गांव के ज्ञान, संवाद और संस्कार के केंद्र बन सकें।
उन्होंने कहा कि अटल पुस्तकालय ग्रामीण युवाओं को अध्ययन, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और डिजिटल ज्ञान से जोड़ने की दिशा में एक सशक्त माध्यम सिद्ध होंगे तथा ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
हरियाणा ग्रंथ अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष रहे डॉ. चौहान ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में पुस्तकालयों की स्थापना को एक जन-आंदोलन का स्वरूप देने के लिए वे बीते डेढ़ दशक से निरंतर सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ई-पुस्तकालयों की शुरुआत का सिलसिला तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यकाल में हुआ। जब पहली बार लाभ में आई बिजली कंपनियों ने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के अंतर्गत सामाजिक कार्यों के लिए मार्गदर्शन मांगा, उसी वक्त इस अनूठी पहल की नींव रखी गई।
डॉ. चौहान के मार्गदर्शन में अनेक गांवों में निगमों की ओर से सरदार पटेल पुस्तकालयों की स्थापना की गई। आगे चलकर इस विचार और प्रयास को विकास एवं पंचायत विभाग ने आगे बढ़ाया और इसे राज्यव्यापी अभियान का स्वरूप प्रदान किया। डॉ. चौहान ने बताया कि पुस्तकालयों के निर्माण के लिए नए भवन खड़े करने के बजाय गांवों में पहले से मौजूद अनुपयोगी, जर्जर सामुदायिक भवनों अथवा अप्रयुक्त स्कूली कमरों की पहचान की गई है और इन भवनों की मरम्मत कर उन्हें आधुनिक पुस्तकालयों में परिवर्तित किया जा रहा है। प्रत्येक पुस्तकालय में कंप्यूटर, ब्रॉडबैंड आधारित इंटरनेट तथा डिजिटल अध्ययन की सुविधाओं का प्रावधान किया गया है। इस कार्य को सिरे चढ़ाने में जिला परिषदों की भी अहम भूमिका रही है।
हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान के निदेशक डॉ. चौहान ने बताया कि बीती शाम जिन पुस्तकालयों का लोकार्पण हुआ, उनमें करनाल, अंबाला, यमुनानगर, हिसार, झज्जर, रोहतक, भिवानी, जींद और फतेहाबाद जिलों के पंद्रह-पंद्रह पुस्तकालय शामिल हैं। उन्होंने बताया कि स्वीकृत अटल पुस्तकालयों में सर्वाधिक 121 पुस्तकालय अकेले करनाल जिले में हैं।
Girish Saini 

