कोई भी कार्य विधि पूर्वक करना चाहिएः जैन मुनि प्रणम्यसागर

मुनिराज आदिनाथ के प्रथम आहार अवसर पर बांटा गन्ने के रस का प्रसाद।

कोई भी कार्य विधि पूर्वक करना चाहिएः जैन मुनि प्रणम्यसागर

रोहतक, गिरीश सैनी। स्थानीय दिगंबर जैन मंदिर सराय मोहल्ला एवं सकल जैन समाज द्वारा भगवान शांतिनाथ जैन मंदिर, जैन जती में आयोजित सात दिवसीय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव के पांचवे दिन मुनि प्रणम्य सागर महाराज ने कहा कि कोई भी कार्य विधि पूर्वक करना चाहिए।

मंगलवार को महामहोत्सव में ज्ञान कल्याणक मंत्र आराधना, पूजा हवन, महाराजा नाभि राय का दरबार, आदिकुमार का राज्यभिषेक, राज्य संचालन अभिषेक, नित्यमय पूजा, हवन विधान व मण्डल प्रतिष्ठा श्रद्धालुओं द्वारा की गई। यह जानकारी देते हुए राजीव जैन ने बताया कि लगातार शामली, सहारनपुर, दिल्ली, अलवर, जींद, हिसार, गुरुग्राम, हांसी, झज्जर सहित दूर-दूर से श्रद्धालु मुनि महाराज के प्रवचन सुनने पहुंच रहे हैं।

प्रतिष्ठाचार्य ब्रह्मचारी नीतिन भैया ने विनय पाठ, जन्मकल्याणक पूजा संपन्न करवाई। श्रद्धालुओं ने मंगल आरती की और सौधर्म, कुबेर इन्द्र एवं सभी इन्द्रों द्वारा लौंग, घी, चंदन की लकड़ी, देसी घी, हवन सामग्री से पांच मालाओं का उच्चारण कर हवन में पूर्णाहुति दी। मुनिराज आदिनाथ के प्रथम आहार अवसर पर शहर में गन्ने के रस का प्रसाद बांटा गया। सायंकाल मंगल आरती व कलाकारों द्वारा सांस्कृति कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।

इस दौरान समाज सेवी विजय कुमार जैन, पं. हरेन्द्र शास्त्री, पं. सनक कुमार, पं. विनोद कुमार, संस्था प्रधान अतुल जैन, अजय जैन, मनोज जैन पंसारी, शलेष जैन सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।