स्व. नरोत्तम रत्ती जी नमित प्रार्थना 23 मार्च को यथा स्थान रहकर करने का निवेदन 

"क्रोना वायरस" के कारण परिवारजनो एवं करीबियों ने जनकल्याण हित में लिया फैसला

स्व. नरोत्तम रत्ती जी नमित प्रार्थना 23 मार्च को यथा स्थान रहकर करने का निवेदन 
वरिष्ठ बीजेपी नेता एवं पंजाब ट्रेडर्स बोर्ड के पूर्व चेयरमैन (कैबिनेट मंत्री रैंक) श्री नरोत्तम देव रत्ती।

वरिष्ठ बीजेपी नेता एवं पंजाब ट्रेडर्स बोर्ड के पूर्व चेयरमैन (कैबिनेट मंत्री रैंक) श्री नरोत्तम देव रत्ती की अंतिम अरदास-प्रार्थना को परिवार एवं करीबियों की तरफ से जन समूह में ना करने का फैसला लिया गया है। स्व. श्री रत्ती के पारिवारिक सदस्यों, करीबियों  एवं राजनीतिज्ञों सभी ने 23 मार्च को उनकी आत्मिक शांति एवं विश्व कल्याण हेतु सभी से यथा स्थान पर रहकर प्रार्थना करने के लिए निवेदन किया है।

भाजपा के आल इंडिया सेक्रेटरी श्री तरुण चुघ, सीनियर भाजपा नेता श्री परषोतम पासी, लोक जागरण मंच के संयोजक सुभाष मकरंदी, मार्किट कमेटी कपूरथला के पूर्व चेयरमैन एवं जिला यूथ अकाली दल नेता रंजीत सिंह खोजेवाल, शिअद नेता हरबंस सिंह वालिया, मनमोहन सिंह वालिया, व्यापार मंडल से जुड़े वरिष्ठ नेता यश महाजन, भाजपा मंडल अध्यक्ष कपूरथला धर्मपाल महाजन, अरुण गुप्ता एवं डा. रणबीर कौशल एवं अन्यों ने यह फैंसला परिवार से मिलकर किया है। यह निर्णय विश्व में फ़ैल रहे रोग "क्रोना वाइरस" के कारण जन समूह का एकत्रित होना स्वास्थ्य के लिहाज से उचित नहीं है, को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।  सबका मत रहा कि श्री रत्ती जी का जीवन जब जन कल्याण में रहा तो अंतिम अरदास-प्रार्थना भी जन कल्याण के नाम ही रहनी चाहिए। यह जानकारी स्व. रत्ती जी की धर्मपत्नी श्रीमती निधा रत्ती ने दी है।

 उन्होनें बताया कि परिवार को गर्व है कि स्व.श्री रत्ती जी जन-जन के प्रिय रहे एवं उनके जन कल्याण कार्यों की बदौलत वे हमेशा सभी के प्रिय रहेंगे भी। उन्हें विश्वास है कि श्री रत्ती जी के स्नेही इस दुःख कि घडी में परिवार के इस फैसले के साथ खड़े रहेंगे एवं 23  मार्च 2020 दिन सोमवार को दोपहर एक बजे से दो बजे के बीच अपने अपने घर, दुकान या अन्य स्थानों पर सुरक्षित रहते हुए श्री रत्ती जी को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे एवं जन कल्याण-विश्व कल्याण के हित में प्रार्थना-अरदास करेंगे। ज्ञात हो कि विगत 13 मार्च 2020 दिन शुक्रवार को श्री रत्ती जी अपनी सांसारिक यात्रा पूरी कर प्रभु चरणों में जा विराजे थे।