एडीसी नरेंद्र कुमार ने किया बाल देखरेख संस्थाओं का निरीक्षण

रोहतक, गिरीश सैनी। अतिरिक्त उपायुक्त नरेंद्र कुमार ने जिला स्तरीय निरीक्षण कमेटी के साथ जिला के बाल देखरेख संस्थाओं लखीराम आर्य जगन्नाथ आश्रम, जगन्नाथ आश्रम बाल भवन व जन सेवा संस्थान का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का हमेशा प्रयास रहता है कि प्रत्येक गुमशुदा बच्चे को उसके परिवार से जल्द से जल्द मिलाया जाए ताकि उसे माता-पिता के अतिरिक्त अन्य रिश्तेदारों का भी स्नेह मिल सके।
अतिरिक्त उपायुक्त नरेंद्र कुमार ने इस दौरान संस्था में रहने वाले बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं को जांचा व संस्था की कार्य प्रणाली का जायजा लिया। उन्होंने संस्था संचालकों को बच्चों के बेहतर भविष्य के संदर्भ में आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को पारिवारिक माहौल उपलब्ध करवाया जाए। जन सेवा संस्थान में निरीक्षण के दौरान कहा कि प्रत्येक बच्चे का आधार कार्ड अवश्य बनवाया जाए ताकि उनके पास भी परिवार पहचान पत्र व अन्य सरकारी सुविधाओं का लाभ पहुंच सकें।
एडीसी ने लखीराम आर्य जगन्नाथ आश्रम का निरीक्षण करते हुए कहा कि संस्था में आए सभी बच्चों की पहचान गोपनीय रखी जाए। विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी में किसी भी व्यक्ति को बिना आज्ञा प्रवेश की अनुमति न दी जाए। बच्चा गोद देने वाले व्यक्ति की पहचान तथा उनके होने वाले माता-पिता की पहचान उजागर करना किशोर न्याय अधिनियम के तहत अपराध है, जिसके लिए सजा का प्रावधान भी है।
बाल भवन स्थित जगन्नाथ आश्रम के निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि संस्था में आने से पहले प्रत्येक बच्चे की चिकित्सा जांच अवश्य करवाई जाए। किसी भी बच्चे को बाल कल्याण समिति की अनुमति के बिना संस्था में न रखा जाए। संस्था में नया स्टाफ सदस्य नियुक्त करने से पहले पुलिस जांच करवाए व किशोर न्याय अधिनियम के तहत ही नियुक्त करें। इस दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी दीपिका सैनी, जिला बाल संरक्षण अधिकारी कुलदीप सिंह, सामान्य अस्पताल की मनोवैज्ञानिक विनीता सहित स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।