एडीसी ने फसल बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों को जिला में निर्धारित स्थानों पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए

जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक आयोजित।

एडीसी ने फसल बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों को जिला में निर्धारित स्थानों पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए

रोहतक, गिरीश सैनी। अतिरिक्त उपायुक्त नरेंद्र कुमार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जिला में बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों को निर्देश दिए कि वे खंड, उपमंडल व जिला स्तर पर कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करें। उन्होंने कृषि एवं किसान कल्याण के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिला स्तरीय निगरानी समिति में हर खंड से किसानों को भी आमंत्रित करें।


एडीसी नरेंद्र कुमार ने जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सरकार द्वारा कृषि को जोखिम मुक्त बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्रियान्वित की जा रही है। किसान अपनी फसल का बीमा करवाकर सुरक्षा कवच प्राप्त कर सकते हैं। रबी 2025-26 के तहत किसान अपनी जौ, चना, सरसों, सूरजमुखी व गेहूं की फसलों का आगामी 31 दिसम्बर 2025 तक बीमा करवा सकते हैं। जिला में भारतीय कृषि बीमा कंपनी को फसलों का बीमा करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है।


अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कृषि ऋण लेने वाले प्रत्येक किसान का संबंधित बैंक द्वारा बीमा किया जाता है। यदि कोई बीमित किसान अपनी फसल का बीमा नहीं करवाना चाहता है तो उसे 24 दिसंबर 2025 तक संबंधित बैंक में फसल का बीमा न करवाने का आवेदन देना होगा। योजना के तहत व्यापक आधार पर होने वाली प्राकृतिक आपदा के कारण खड़ी फसलों की औसत पैदावार में कमी पर अधिसूचित क्षेत्र आधार पर क्लेम दिया जाता है। जल भराव, ओलावृष्टि, बादल फटने के कारण खड़ी फसलों का नुकसान होने पर खेत स्तर पर क्लेम दिया जाता है। फसल कटाई के 14 दिनों तक खेत में सुखाने के लिए फैलाकर अथवा छोटे बंडलों के रूप में रखी फसल का चक्रवातीय वर्षा, बेमौसमी वर्षा एवं ओलावृष्टि से हुए नुकसान का भी खेत स्तर पर क्लेम दिया जाता है।

 

अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि योजना के अनुसार किसान स्थानीय आपदा/फसल कटाई प्रयोग/कटाई उपरांत हानि के सर्वेक्षण के बाद 144 घंटे (6 दिन) के भीतर अपनी आपत्ति लिखित रूप में उप-निदेशक कृषि के कार्यालय में दर्ज करा सकते हैं। इसी प्रकार बीमा कंपनी भी स्थानीय आपदा/फसल कटाई प्रयोग/कटाई उपरांत हानि के सर्वेक्षण पर 96 घंटे (4 दिन) के भीतर आपत्ति दर्ज करा सकती हैं। इसके बाद कोई भी आपत्ति स्वीकार नहीं की जाएगी। बैठक में कृषि उपनिदेशक डॉ. सुरेंद्र मलिक, जिला उद्यान अधिकारी डॉ. मदनलाल, कृषि विभाग के सहायक सांख्यिकी अधिकारी विनोद कुमार सहित फसल बीमा कंपनी के प्रतिनिधि व संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।