समाचार विश्लेषण/अभय चौटाला:  दुआ है मेरी रब्ब से 

समाचार विश्लेषण/अभय चौटाला:  दुआ है मेरी रब्ब से 
कमलेश भारतीय।

-*कमलेश भारतीय 
इधर एक बार फिर हरियाणा में क्यों भई चाचा , हां भतीजा वाली बात हो रही है यानी चाचा भतीजे में नयी तकरार शुरू हो गयी है । तकरार तो पहले भी होती रही है । कभी इनेलो जजपा के अलग होने की तकरार तो कभी गठबंधन होगा या नहीं की तकरार ! वैसे बड़े चौटाला यानी पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने तो यह गठबंधन या संगम होगा या नहीं पर कह दिया है कि यह बात और यह सवाल पुराना हो गया , कोई नयी बात पूछो । मतलब संकेत साफ है कि संगम नहीं होने वाला ! अगले चुनाव में भी यह परिवार अलग अलग ही चुनाव मैदान में नजर आने वाला है । अभी तो पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी नहीं रहे लेकिन जब तक रहे वे कोशिश में लगे रहे कि परिवार एक हो जाये लेकिन उनकी भी किसी ने नहीं सुनी ।
अब नयी तकरार यह सामने है कि परिवर्तन यात्रा पर चल रहे इनेलो के इकलौते विधायक अभय चौटाला ने फिर निशाना अपने ही परिवार पर साधते कहा कि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी जेल जायेंगे । उनका कहना था कि शराब घोटाले में सरकार दुष्यंत को भी जेल भेजेगी । अभय चौटाला ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का उदाहरण देते कहा कि जैसे सरकार ने उन्हे शराब घोटाले में जेल भेजा है , वैसे ही दुष्यंत चौटाला को भी भाजपा सरकार जेल भेज देगी ।  वैसे हरियाणा विधानसभा में भी हिसार के गांव तलवंडी राणा के लोगों के धरने पर अभय चौटाला दुष्यंत चौटाला को घेर चुके हैं और स्पीकर ने इन्हें बाहर भी भेजा !  अब यह बात सीधे तीर की तरह जाकर लगी बड़े भाई डाॅ अजय चौटाला के परिवार को । जवाब देने आगे आये भतीजे दिग्विजय सिंह । उन्होंने जवाब में कहा कि मेरे चाचा का अभी अपने पिता और भाई के जेल जाने के संघर्ष  से पेट और मन नहीं भरा जो भतीजे को भी जेल भिजवाने चाहते हैं ! दिग्विजय ने यह भी जोड़ दिया कि अभय चौटाला पर भी अनेक अदालतों में मामले दर्ज हैं । फिर भी हम भगवान् से दुआ करते हैं कि उन्हें कभी जेल न जाना पड़े! साथ के साथ यह भी कहा कि जनता ने चाचा की इसी नकारात्मक सोच की वजह से उन्हें राजनीति के हाशिये पर ला खड़ा  किया है । दूसरी ओर दुष्यंत को सकारात्मक सोच के चलते सत्ता तक पहुंचाया है । अभय चौटाला आज राजनीति में जहां भी हैं , इसी सोच के परिणाम के चलते हैं । ऐसा लगता है कि भाई के जेल जाने को उन्होंने राजनीतिक मौके के रूप में लिया और अब भतीजे को जेल भेजकर एक और राजनीतिक मौका ढूंढ रहे हैं । राजनेताओं में यह सोच और यह व्यवहार बहुत शुभ संकेत नहीं । एक तरफ कोई बड़े नेता जी गालियां ही गिन रहे हैं और दूसरी तरफ कोई किसी के जेल जाने की बात कह रहा है । यह शोभा वाली बात नहीं । यह दुआ है मेरी रब्ब से कि सबको सन्मति दे भगवान् ! राजनीतिक जीत हार को अलग रखकर एक दूसरे के लिये कम से कम बद्दुआयें तो न दें ! 
दुआ करो कि यह पौधा हरा भरा ही रहे 
उदासियों में भी चेहरा खिला खिला ही रहे ! 
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।