स्वतंत्रता दिवस से पूर्व डीएलसी सुपवा में रचनात्मकता और सौहार्द का सप्ताह आरंभ
फाउंडेशन डे समारोह में 14 अगस्त को दिखेगा परफॉर्मिंग और विज़ुअल आर्ट्स का शानदार संगम।

रोहतक, गिरीश सैनी। स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में स्थानीय दादा लख्मीचंद राज्य प्रदर्शन एवं दृश्य कला विवि (डीएलसी सुपवा) में मंगलवार को सप्ताह भर चलने वाले समारोह की शुरुआत फैकल्टी ऑफ विज़ुअल आर्ट्स द्वारा आयोजित पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता से हुई। लगभग 141 छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए हस्तनिर्मित पोस्टर तैयार कर स्वतंत्रता दिवस विषय को अभिव्यक्त किया।
निदेशक जनसंपर्क बेनुल तोमर ने जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार को रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन होगा। वहीं 14 अगस्त को होने वाले फाउंडेशन डे समारोह में परफॉर्मिंग और विज़ुअल आर्ट्स के शानदार संगम की झलक दिखेगी। उन्होंने बताया कि हरियाणवी लोक नृत्यों की लयबद्ध थाप से लेकर मार्मिक रागनी प्रस्तुति, सशक्त नाटक, दिल को छू लेने वाले म्यूजिकल बैंड प्रदर्शन, फैशन शो और कला प्रदर्शनी के द्वारा विवि के विद्यार्थी अपनी बहुआयामी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान प्रख्यात पत्रकार और टिप्पणीकार अनंत विजय, राणा यशवंत, हितेश शंकर, संस्कार भारती के संगठन सचिव विजय कुमार, हरियाणा सीआईडी के पूर्व प्रमुख अनिल राव सहित मीडिया, प्रशासन, सिनेमा, साहित्य और सामाजिक क्षेत्रों के अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहेंगे। विवि के 40 से अधिक पूर्व छात्र भी इस समारोह में भाग लेंगे।
कुलपति डॉ. अमित आर्य ने आयोजन की तैयारियों पर संतोष जताते हुए कहा कि फाउंडेशन डे महज़ कैलेंडर की एक तारीख नहीं है; यह हमारी विकास यात्रा का दर्पण है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का उत्सव रचनात्मकता, एकता और साझा दृष्टि को समर्पित है।
कुलसचिव डॉ. गुंजन मलिक मनोचा सहित सभी संकाय सदस्य और विद्यार्थी कार्यक्रम को सुचारू रूप से संपन्न करने के लिए निरंतर कार्यरत हैं। इस समारोह का समापन 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह के साथ होगा। परंपरा से आगे की सोच को दर्शाते हुए कुलपति डॉ. अमित आर्य ने यह निर्णय लिया है कि इस बार उनके साथ चपरासी, माली, सुरक्षा कर्मी और सफाई कर्मचारी जैसे वरिष्ठ सहायक स्टाफ के सदस्य भी संयुक्त रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। कुलपति ने कहा कि तिरंगा हर उस व्यक्ति का है, जो इस विवि की देखभाल करता है और इसके परिसर को जीवन देता है। डीएलसी सुपवा परिवार का हर सदस्य सम्मान और अपने योगदान की स्वीकृति का अधिकारी है।