दो दो पार्टियों के अध्यक्ष भी जुटे आदमपुर के चुनाव प्रचार में 

महिलायें तीस प्रतिशत भो न आईं 

दो दो पार्टियों के अध्यक्ष भी जुटे आदमपुर के चुनाव प्रचार में 
कमलेश भारतीय।

-कमलेश भारतीय 
मित्रो ! आदमपुर चुनाव प्रचार का आज अंतिम दिन है । आज सभी दल अपनी अपनी पूरी ताकत प्रचार के लिये झोंक देंगें । पर देखिए इस आदमपुर में दो दो पार्टियों के प्रदेशाध्यक्ष भी प्रचार करते करते गांवों की धूल मिट्टी में लथपथ होते दिखाई दिये । 
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष उदयभान ने प्रत्याशी जयप्रकाश के नामांकन वाले दिन ही कांग्रेस भवन में कह दिया था कि अब मैं सारा समय आदमपुर के चुनाव में प्रचार के लिए दूंगा और वे इस वादे पर खरे भी उतरे । सुबह अपने समर्थकों के काफिले के साथ प्रचार के लिए निकलते तो देर रात ही लौटते । कांग्रेस में लौटे नरेश सेलवाल, रामनिवास घोड़ेला और भाजपा से आए करण सिह रानोलिया भी उनके काफिले में लगातार देखे गये । 
श्री उदयभान ने कुलदीप बिश्नोई पर काफी कड़ी टिप्पणियां कीं । जैसे कि एक दलित के बेटे को कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष बनते देख व सह नहीं पाये । दूसरे अपने को कुलदीप बिश्नोई से राजनीति में सीनियर बताते रहे और अपने पिता द्वारा चौ भजनलाल की सरकार बचाने का उदाहरण भी देते रहे । दलित और पिछड़े वर्गों की उपेक्षा की बात हर रैली में उठाते रहे । खूब गांव गांव घूमे । अब देखते हैं कि उनका प्रचार क्या रंग लाता है !
दूसरे प्रदेशाध्यक्ष रहे आप पार्टी के अशोक तंवर ! जो संयोगवश कांग्रेस पार्टी के भी लम्बे समय तक प्रदेशाध्यक्ष रहे लेकिन उस समय मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ पटरी नहीं बैठी तो एक प्रकार से समांतर कांग्रेस चलाने लगे ! साइकिल रैलियों से अलग ही प्रचार पर निकलते रहे । धीरे धीरे आपस में खटास और दूरी बढ़ती गयी । यहां तक कि दिल्ली में राहुल गांधी के स्वागत् में खड़े अशोक तंवर के साथ जो हुआ उससे नौबत थाना कचहरी तक पहुंच गयी । मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर तक कुशल क्षेम पूछने गये और जो अशोक तंवर ने दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान के आवास के सामने लाइव प्रदर्शन किया , उसने फिर इनकी कांग्रेस से बाहर जाने की बड़ी वजह बना दी । फिर इन्होंने अपनी पार्टी बनाई । फिर साइकिल उठाया लेकिन कुछ समय बाद दीदी ममता बनर्जी से प्रभावित हुए और तृणमूल कांग्रेस के भी प्रदेशाध्यक्ष बना दिये गये । यहां भी कुछ समय ही रहे कि फिर आप के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इन्हें आप की टोपी व पटका पहना कर पार्टी में शामिल कर लिया । इस तरह अशोक तंवर तीन तीन पार्टियों के अध्यक्ष होने का रिकाॅर्ड अपने नाम कर गये । आजकल आदमपुर में आप पार्टी के प्रत्याशी सतेंद्र सिह के प्रचार में देखे जा सकते हैं । वैसे भी सुना है कि अशोक तंवर और सतेंद्र सिंह की दोस्ती पक्की है और जहां जायेंगे इकट्ठे ही जायेंगे -यह दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे गाते हुए !
इन दोनों प्रदेशाध्यक्षों को लेकर भाजपा के हरियाणा प्रदेश प्रभारी ढंढूर में हुई रैली में कटाक्ष कर गये कि  यदि दलित व पिछड़े वर्ग की उपेक्षा या सम्मान की बात कांग्रेस उठाती है तो किस मुंह से ? न अशोक तंवर को और न ही सैलजा को सम्मान दिया । सैलजा को तो अपना कार्यकाल पूरा करने का अवसर भी न मिला । 
वैसे इनेलो की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला भी अस्वस्थ होने के बावजूद प्रचार में जुटे रहे ।
##मुख्यमंत्री बनने का दावा खत्म ?
आदमपुर चुनाव में एक बात बहुत जोर से मंचों पर सुनने को मिली कि पहले कुलदीप बिश्नोई हरियाणा की चौधर आदमपुर में लाने की बात कह कर वोट के लिए लुभाने थे लेकिन अब वे यह दावा कैसे कर सकते हैं ? अब तो वे इस दावे से पीछे हटकर अपने बेटे भव्य के राजनीतिक भविष्य के लिए अपील कर रहे हैं ! यानी मामला विधायक तक ही सिमट गया ! 
##मीडिया का जमावड़ा : आदमपुर चुनाव जहां पार्टियों के लिए प्रतिष्ठा का या नाक का सवाल बना हुआ है , वहीं मीडिया का ऐसा जमावड़ा पहली बार देखने को मिला ! आदमपुर या हिसार से ही नहीं , इसकी कवरेज के लिए दिल्ली , चंडीगढ़, राजस्थान तक के मीडियाकर्मी देखे जा सकते हैं । यहां तक कि राजस्थान से आई एक गाड़ी पर लिखा था-पायलट संग राजस्थान ! यानी राजस्थान की गुटबंदी आदमपुर तक पहुंच गयी ! है व खेला ! 
##नहीं आये केजरीवाल : आदमपुर चुनाव की घोषणा के बाद हिसार व आदमपुर में रोड शो करने और सतेंद्र सिंह को आप पार्टी में शामिल कर फिर पलटे ही नहीं अरविंद केजरीवाल ! प्रत्याशी सतेंद्र दिल्ली की ओर राह ताकते ही रह गये ! बालसमंद में रोड शो करने आने वाले थे तो गुजरात के मोरवी त्रासदी के चलते वह भी रद्द कर दिया । उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के भी आने की बात कन्फर्म न हुई ! सिर्फ सुशील  गुप्ता और अनुराग ढांडा ही जमे रहे ! 
##महिला नेत्रियों का योगदान : हर क्षेत्र की तरह राजनीति में भी महिलाओं का योगदान आदमपुर के चुनाव प्रचार के दौरान देखने को मिला ! कांग्रेस की ओर से पूर्व शिक्षामंत्री गीता भुक्कल ने बालसमंद में जयप्रकाश का चुनाव कार्यालय संभाले रखा , अनिता यादव भी कुछेक सभाओं में नजर आईं । राजस्थान से कांग्रेस विधायक व अग्रोहा की मूल निवासी चक्का फेंक चैंपियन कृष्णा पूनिया भी जयप्रकाश के चुनाव प्रचार में बालसभंद में देखी गयीं ! 
दूसरी ओर अपने बेटे भव्य के लिए स्टार प्रचारक रहीं पूर्व विधायक रेणुका बिश्नोई और दादी जसमा देवी । बुआ रोशनी भी पार्टी ऑफिस में प्रतिदिन आती रहीं । कांग्रेस की ओर से स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल सैलजा व किरण चौधरी नहीं आईं । जयप्रकाश जरूर सैलजा को मनाने गये । किरण चौधरी ने लगातार आदमपुर के चुनाव से दूरी बनाये रखी बल्कि कार्यकर्त्ता सम्मेलन रख लिये ! 
आप पार्टी की ओर से चित्रा सरवारा, रेणु चहल भी प्रचार में जुटी रहीं । इनेलो की ओर से सुनयना चौटाला भी स्टार प्रचारक रहीं ! 
##आठ साल  बनाम दस साल :  चुनाव प्रचार में लगातार भाजपा जजपा के आठ साल और कांग्रेस के दस साल के गुणगान और विफलतायें हर रैली में सुनने को मिलती रहीं ! 
##लोकगीतों की बहार : आदमपुर चुनाव में हर पार्टी ने अपनी नीतियों व उपलब्धियों के आधार पर हरियाणवी गीत भी बनवाये और इनकी रैलियों में ये गीत सुनकर कार्यकर्त्ता झूमते भी दिखे । चलो । इस बहाने कुछ कलाकारों को भी मौका मिल गया !
##मंत्रियों के पीए को चिट्ठियां : जहां सरकार के मंत्री महोदय पर भव्य के लिए वोट मांगते , वहीं मंच के पीछे खड़े इनके पीए को लोगों की कामों  की पर्चियों को संभालना मुश्किल होता रहा !