माराकेच शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल में सुपवा के छात्र की फिल्म -द ज़ीरो लाइन को मिला शीर्ष सम्मान

माराकेच शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल में सुपवा के छात्र की फिल्म -द ज़ीरो लाइन को मिला शीर्ष सम्मान

रोहतक, गिरीश सैनी। स्थानीय दादा लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन एवं दृश्य कला विवि (डीएलसी सुपवा) के निर्देशन विभाग के अंतिम वर्ष के छात्र चमन रमेश किशन द्वारा निर्देशित लघु फ़िल्म -द ज़ीरो लाइन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित सम्मान अर्जित किया है। इस फ़िल्म को मोरक्को में आयोजित माराकेच शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल में कूप द कवर पुरस्कार से नवाजा गया।

द ज़ीरो लाइन, सआदत हसन मंटो और मनोज दास की तीन कहानियों पर आधारित है और गरिमा, संघर्ष तथा सामाजिक पाखंड जैसे विषयों की मार्मिक पड़ताल करती है। यह फिल्म हाशिए पर जी रहे लोगों के जीवन की कठोर सच्चाइयों को संवेदनशील ढंग से सामने लाती है और उस समाज को बेनकाब करती है, जो अक्सर उन्हें सम्मान, स्वतंत्रता और मानवीय अधिकारों से वंचित कर देता है।

डीएलसी सुपवा द्वारा निर्मित इस फिल्म में फैकल्टी ऑफ़ फिल्म एंड टेलीविज़न के 40 से अधिक छात्रों ने कलाकारों और तकनीकी दल के रूप में सहभागिता की। मोरक्को में मिली इस बड़ी सफलता के अलावा, 'द ज़ीरो लाइन' को कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म समारोहों में प्रदर्शन के लिए भी चुना गया है, जिनमें टोरंटो का इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल ऑफ़ साउथ एशिया, ब्राजील का इंटरनेशनल स्टूडेंट फ़िल्म फेस्टिवल (पेरनाम्बुको), नाइजीरिया का ज़ूमा इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल सहित अन्य समारोह शामिल हैं।

छात्र चमन की कहानी कहने की क्षमता को इससे पहले भी वैश्विक मंचों पर पहचान मिल चुकी है। इसी वर्ष मार्च 2025 में उन्हें कैम्ब्रिज में आयोजित प्रतिष्ठित वाटर स्प्राइट फ़िल्म फेस्टिवल में अपनी फ़िल्म 'ए फ्लाइट ऑफ द लॉस्ट ड्रीमी बर्ड' के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार मिला था। यह फिल्म दो वर्षों की अवधि में 19 अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म समारोहों में प्रदर्शित और पुरस्कृत हुई। इसके साथ ही चमन को वाटर स्प्राइट फ़िल्म फेस्टिवल 2026 की जूरी में शामिल होने का आमंत्रण भी मिला है।

 

इस वर्ष अपनी पढ़ाई पूरी करने जा रहे चमन स्वतंत्र फिल्मकार के रूप में स्थापित होने की आकांक्षा रखते हैं और निकट भविष्य में अपना स्वयं का प्रोडक्शन हाउस शुरू करने की योजना बना रहे हैं। उनकी इस उत्कृष्ट उपलब्धि के सम्मान में कुलपति डॉ. अमित आर्य ने अपने कार्यालय में पूरी फिल्म टीम को सम्मानित किया। इस दौरान कुलसचिव डॉ. गुंजन मलिक मनोचा, फैकल्टी ऑफ़ फिल्म एंड टेलीविज़न के प्रमुख डॉ. महेश टी.पी. तथा विभाग के अन्य शिक्षक भी उपस्थित रहे।

छात्रों को बधाई देते हुए कुलपति डॉ. अमित आर्य ने इस उपलब्धि को विवि के सशक्त रचनात्मक परिवेश का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि ये उपलब्धि डीएलसी सुपवा के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो इसे रचनात्मक उत्कृष्टता का केंद्र और भविष्य के उद्योग नेतृत्वकर्ताओं की नर्सरी के रूप में स्थापित करती है।

फ़िल्म के पीछे मौजूद सामूहिक प्रयास की सराहना करते हुए कुलसचिव डॉ. गुंजन मलिक मनोचा ने कहा कि यह सफलता केवल निर्देशक की नहीं, बल्कि उन सभी छात्रों और शिक्षकों की है, जिन्होंने मिलकर इसे साकार किया। फैकल्टी ऑफ़ फिल्म एंड टेलीविज़न के प्रमुख डॉ. महेश टी.पी. ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलना हमारी शिक्षण पद्धति की पुष्टि करता है और हमें रचनात्मक सीमाओं को और आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है।