9वीं वार्षिक पीसीसीएम सीएमई में हुई मॉनिटरिंग, सेप्सिस एंड सेप्टिक शॉक्स, हर्ट, गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल क्रिटिकल केयर पर चर्चा

9वीं वार्षिक पीसीसीएम सीएमई में हुई मॉनिटरिंग, सेप्सिस एंड सेप्टिक शॉक्स, हर्ट, गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल क्रिटिकल केयर पर चर्चा

रोहतक, गिरीश सैनी। पं. भगवत दयाल शर्मा पीजीआईएमएस, रोहतक के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय 9वां वार्षिक पीसीसीएम सीएमई रविवार को संपन्न हुआ। सम्मेलन के अंतिम दिन आयोजित क्रिटिकल केयर मास्टर क्लास में देशभर से आए चिकित्सा विशेषज्ञों ने गंभीर रूप से बीमार मरीजों के उपचार से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर व्याख्यान दिए।

सम्मेलन के आयोजन अध्यक्ष प्रो. ध्रुव चौधरी ने बताया कि यह वार्षिक पीसीसीएम सीएमई और मास्टर क्लास न केवल ज्ञानवर्धन का मंच है, बल्कि यह क्रिटिकल केयर चिकित्सा क्षेत्र में नवाचार और उत्कृष्टता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

प्रो. ध्रुव चौधरी ने बताया कि मास्टर क्लास में मॉनिटरिंग, सेप्सिस एंड सेप्टिक शॉक्स, हर्ट (हृदय सम्बन्धी), जीआई (गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल) क्रिटिकल केयर जैसे विषयों पर गहन चर्चा की गई।

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए संस्थान के निदेशक प्रो. एस.के. सिंघल ने कहा कि क्रिटिकल केयर चिकित्सा का एक अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जहां समय पर उचित हस्तक्षेप मरीज की जान बचा सकता है। उन्होंने चिकित्सा कौशल के अपडेटिंग की आवश्यकता पर बल दिया।

महाराष्ट्र से आए वरिष्ठ क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ. कपिल बोरबाके ने सेप्सिस और सेप्टिक शॉक के प्रभावी प्रबंधन पर व्याख्यान दिया, वहीं डॉ. श्रीनिवासन ने क्रिटिकली बीमार मरीजों में बेसिक हीमो डायनेमिक फिजियोलॉजी की व्याख्या की। डॉ. खालिद ने सेप्टिक शॉक में चिकित्सीय हस्तक्षेपों पर प्रकाश डाला।

आयोजन सचिव डॉ. पवन सिंह और संयुक्त सचिव डॉ. अमन आहूजा ने बताया कि मास्टर क्लास में हार्ट फेलियर, एक्यूट लिवर फेलियर, एक्यूट पैंक्रिएटाइटिस, एरिद्मिया, डायरिया, सुप्रो वेंट्रिकुलर टेककार्डिया जैसे गंभीर रोगों के आईसीयू प्रबंधन पर भी चर्चा की गई।

इस मास्टर क्लास में आयोजित चार तकनीकी सत्रों की अध्यक्षता डॉ. संदीप गोयल, डॉ. मंजूनाथ, डॉ. तराना गुप्ता, डॉ. अश्वनी कुमार, डॉ. प्रीति नारा आदि ने की। आईसीयू में हार्ट फेलियर मैनेजमेंट, एक्यूट लीवर फेलियर मैनेजमेंट, एक्यूट पैन क्रिएटिटिस, एरिद्मिया, डायरिया, सुप्रावेंटिकल, टेकिकार्डिया, आदि के चिकित्सीय प्रबंधन बारे मास्टर क्लास में विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम के दौरान चिकित्सीय प्रश्नोत्तरी और पोस्टर प्रेजेंटेशन का भी आयोजन किया गया।