उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विद्यार्थियों को दिया स्क्रिप्ट एंड एक्जीक्यूट योर ओन सक्सैस स्टोरी का मंत्र 

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत को डॉक्टर आफ लैटर्स (लॉ)-डि.लिट. (ओनरीस कोज़ा) की मानद उपाधि से सम्मानित किया। 

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विद्यार्थियों को दिया स्क्रिप्ट एंड एक्जीक्यूट योर ओन सक्सैस स्टोरी का मंत्र 

रोहतक, गिरीश सैनी। भारतीयता हमारी पहचान है। आज पूरे विश्व में भारतीयता की गूंज है। भारत सन् 2047 तक विकसित भारत के रूप में अपनी विशिष्ट जगह पूरे विश्व में बनाएगा। भारत विश्व गुरु के रूप में विश्व को ज्ञान के प्रकाश से आलोकित करेगा। ’रीसर्जेंट भारत’ की विकास यात्रा में विद्यार्थियों को अपना योगदान देने का आह्वान भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) के 18वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि दीक्षांत भाषण देते हुए किया।
भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि डा. बी.आर. अंबेडकर के शब्द “यू शूड बी इंडियन फर्स्ट, इंडियन लास्ट..” हम सबके लिए प्रेरणा पुंज होना चाहिए। भारत विश्व की पांचवी सबसे बड़ा अर्थ व्यवस्था है। आने वाले समय में विश्व की तीसरी बड़ी अर्थ व्यवस्था बनेगा। जरूरत है कि ’डिसरप्टिव टैक्नोलोजीस’, आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग राष्ट्रीय विकास में किया जाए। इनमें आर्टीफीसियल इंटैलीजेंस, ग्रीन एनर्जी, क्वांटम कंप्यूटिंग का विशेष उल्लेख उपराष्ट्रपति ने किया।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि जीवन में निरंतर प्रयास जरूरी है। प्रयासों में असफल होने पर निराश न होकर, प्रयासों को पुनः प्रारंभ करने का परामर्श उन्होंने दिया। “स्क्रिप्ट एंड एक्जीक्यूट योर ओन सक्सैस स्टोरी” का मंत्र उन्होंने विद्यार्थियों को दिया।
संबोधन के प्रारंभ में महर्षि दयानंद सरस्वती के जीवन तथा दर्शन से प्रेरणा लेकर सत्यता के पथ पर चलने का आह्वान उपराष्ट्रपति ने किया। विशेष रूप से बुजुर्गों तथा परिजनों की सेवा करने की नेक सलाह भी उपराष्ट्रपति ने दी।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बेस्ट पीएचडी थीसिस के 12 अवार्डीज तथा तीन पदक विजेताओं को सम्मानित किया। दीक्षंात समारोह में स्मारिका-पुस्तिका का विमोचन किया गया। उपराष्ट्रपति ने एमडीयू परिसर में पौधारोपण भी किया।
इस 18वें दीक्षांत समारोह में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत को डॉक्टर आफ लैटर्स (लॉ)-डि.लिट. (ओनरीस कोज़ा) की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने अपनी मातृ संस्थान एमडीयू का इस सम्मान के लिए आभार जताते हुए कहा कि कड़ी मेहनत, लगन से स्वर्णिम भविष्य का हम निर्माण कर सकते हैं।
हरियाणा के राज्यपाल तथा मदवि के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने अपने संबोधन में पीएचडी प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि सन 2047 के विकसित भारत का जो विजन, स्वप्न प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सामने रखा है, उसे शिक्षा, शोध तथा नवाचार से हमें पूरा करना होगा। भविष्य का नया भारत युवा वर्ग के प्रयासों से बनेगा, ऐसा उनका कहना था।
राज्यपाल-कुलाधिपति ने पीएचडी डिग्री प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों से अपने ज्ञान-कौशल का उपयोग अभ्यर्थियों से समाज कल्याण के लिए करने का आह्वान किया।
एमडीयू कुलपति प्रो राजबीर सिंह ने दीक्षांत समारोह में स्वागत भाषण दिया। कुलाति ने विश्वविद्यालय के प्रगति यात्रा का विस्तृत वर्णन अपने संबोधन में किया।
कार्यक्रम में 1216 शोधार्थियों को पीएचडी उपाधि प्रदान की गई। इनमें 740 महिला शोधार्थी तथा 476 पुरुष शोधार्थी हैं। दीक्षांत समारोह के प्रारंभ में पारंपरिक दीप प्रज्जवलन किया गया तथा संगीत विभाग के विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। शैक्षणिक शोभा यात्रा के प्रवेश से समारोह शुरु हुआ। रजिस्ट्रार प्रो गुलशन लाल तनेजा ने शैक्षणिक शोभा यात्रा की अगुवाई की। विश्वविद्यालय कोर्ड, कार्यकारी परिषद, शैक्षणिक परिषद सदस्य इसमें शामिल हुए।
दीक्षांत समारोह में मंच संचालन प्रो शालिनी सिंह तथा प्रो दिव्या मल्हान ने किया। संचालन सहयोग डा महक दांगी तथा डा रवि प्रभात ने किया। आभार प्रदर्शन रजिस्ट्रार प्रो गुलशन लाल तनेजा ने किया।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की पत्नी डा सुदेश धनखड़, हरियाण के शिक्षा मंत्री मूलचंद शर्मा, सांसद डा अरविंद शर्मा तथा रामचंद्र जांगड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (उच्चतर शिक्षा) हरियाणा आनंद मोहन शरण ने इस समारोह में मंच की शोभा बढ़ाई।
इस कार्यक्रम में न्यायाधीश सूर्यकांत की पत्नी डा सविता, भारतीय पुनर्वास परिषद की अध्यक्षा डा शरणजीत कौर, राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपति तथा कुलसचिव, आमंत्रित गणमान्य अतिथिगण, जिला प्रशासन के अधिकारीगण, विश्वविद्यालय के संकाय अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापकगण, गैर शिक्षक कर्मी, पीएचडी उपाधिधारक उपस्थित रहे।
विश्वविद्यालय के डीन, एकेडमिक एफेयर्स प्रो सुरेंद्र कुमार, डीन (सीडीसी) प्रो ए. एस. मान, परीक्षा नियंत्रक बी. एस. सिंधु, डीन स्टूडेंट वेल्फेयर प्रो रणदीप राणा, सीटिंग एरेंजमेंट इंचार्ज प्रोफेसर डा नसीब सिंह गिल, दीक्षांत समारोह आयोजन समितियों के संयोजकों तथा सदस्यों ने दीक्षांत समारोह संबंधित महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई।