कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने शिक्षकों से किया क्लास रूम में डिलीवरी प्रोसेस को बेहतर बनाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का आह्वान

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने शिक्षकों से किया क्लास रूम में डिलीवरी प्रोसेस को बेहतर बनाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का आह्वान

रोहतक, गिरीश सैनी। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) के फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर (एफडीसी) के तत्वावधान में आयोजित-सब्जेक्ट स्पेसिफिक बेंचमार्किंग ऑफ लर्निंग आउटकम्स: आउटकम बेस्ड एजुकेशन विषयक दो दिवसीय कार्यशाला वीरवार को संपन्न हो गई।

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी बेस्ड टीचिंग-लर्निंग आधुनिक समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को अपनी टीचिंग और लर्निंग को और ज्यादा प्रभावी बनाने की ज़रूरत है। टीचिंग-लर्निंग में टेक्नोलॉजी के समावेश से इसे और ज्यादा रोचक और प्रभावी बनाया जा सकता है। उन्होंने क्लासरूम में डिलीवरी प्रोसेस को बेहतर बनाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का आह्वान शिक्षकों से किया।

इस कार्यशाला के मुख्य रिसोर्स पर्सन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पूर्व अध्यक्ष प्रो. वेद प्रकाश ने कहा कि बेंचमार्किंग ऐसी तकनीक है जिससे आप जीवन के किसी भी क्षेत्र में अप्लाई कर सकते हैं। इसे इंटर इंस्टीट्यूशनल के साथ साथ इंटर डिपार्टमेंट में भी यूज कर सकते हैं। उन्होंने प्रभावी क्लास टीचिंग के लिए शिक्षकों को प्रेरित किया।

दिल्ली विश्वविद्यालय के गुरु अंगद देव टीचिंग लर्निंग सेंटर की संयुक्त निदेशक डॉ. विमल रार इस कार्यशाला की रिसोर्स पर्सन रही। डीएलसी निदेशक प्रो. नसीब सिंह गिल ने कार्यशाला बारे फीडबैक दी। निदेशक एफडीसी प्रो. संदीप मलिक ने स्वागत भाषण दिया। निदेशक आइक्यूएसी प्रो. बी. नरसिम्हन ने आभार जताया। उप निदेशिका एफडीसी डॉ. माधुरी हुड्डा ने कार्यशाला का समन्वय किया। मंच संचालन डॉ. रेखा ढींगड़ा ने किया। डॉ. एकता नरवाल ने आयोजन सहयोग दिया। कार्यशाला के समापन सत्र में फैकल्टी डीन, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक मौजूद रहे।