गुजवि कुलपति प्रो नरसी राम बिश्नोई स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा दुनिया के शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों में शामिल किए गए।

गुजवि कुलपति प्रो नरसी राम बिश्नोई स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा दुनिया के शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों में शामिल किए गए।

हिसार, गिरीश सैनी। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो नरसी राम बिश्नोई को अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने शोध, साइटेशन और शैक्षणिक उपलब्धियों के आधार पर दुनिया के शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों में शामिल किया है। इस उपलब्धि के लिए गुजवि के शिक्षकों, गैर-शिक्षण कर्मचारियों, और शोधार्थियों ने प्रो बिश्नोई को बधाई दी।

कुलपति प्रो नरसी राम बिश्नोई ने बताया कि पर्यावरण उस परिवेश या परिस्थितियों को संदर्भित करता है जिसमें कोई व्यक्ति, जानवर, या पौधा जीवित रहता है या संचालित होता है। मानव निर्मित प्रदूषण के परिणामस्वरूप पृथ्वी को काफी चिंताजनक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। हम वर्तमान में मानव इतिहास के सबसे गंभीर पर्यावरणीय मुद्दों का सामना कर रहे हैं। हमें दीर्घकालिक विकास रणनीतियाँ तैयार करनी होंगी और संरक्षण दृष्टिकोण लागू करना होगा।

प्रो नरसी राम बिश्नोई ने वायु प्रदूषण जैसी प्रमुख पर्यावरणीय समस्याओं को रोकने के लिए पराली और कनक घास से इथेनॉल बनाने पर शोध किया है। इथेनॉल को पेट्रोल में बदला जा सकता है तथा इथेनॉल को पेट्रोल के साथ मिला कर भी इंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने इसके साथ ही साथ प्रदूषण के समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने के विकल्पों को अन्वेषित किया है। उन्होंने समुंदर, झील, और तालाबों में पाए जाने वाले वनस्पतियों का उपयोग करके बायोडीजल बनाने के लिए अनुसंधान किया है। वे बायो-रिमीडिएशन तकनीक के माध्यम से प्रदूषण को कम करने के लिए भी अनुसंधान करते हैं, और कैडमियम, निकेल, क्रोमियम, और अन्य फैक्ट्री अपशिष्ट पदार्थों के पानी पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों पर भी अनुसंधान करते हैं।
एक जाने-माने पर्यावरण वैज्ञानिक प्रो नरसी राम बिश्नोई का गूगल साइटेशन 6667, एच-इंडेक्स 44, स्कोपस साइटेशन 4185 और आई 10 86 हैं।

उन्होंने 21 पीएचडी शोधार्थियों और 78 एम.टेक. शोधार्थियों का मार्गदर्शन किया है। उनके 175 शोध पत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित हुए हैं। उन्हें पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में एनईएसए फेलोशिप पुरस्कार (2021), सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक पुरस्कार (एनईएसए-2015), 2019 में डॉ. एस.ए. सालगरे सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक पुरस्कार, राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार (आईआईएफएस-2010) सहित कई पुरस्कारों से नवाजा गया है।