देश के स्वतंत्रता आंदोलन में वनवासियों की विशेष भूमिका रहीः वैभव सुरंगे

स्वतंत्रता संग्राम में वनवासी वीरों का योगदान विषयक पुस्तक का विमोचन किया।

देश के स्वतंत्रता आंदोलन में वनवासियों की विशेष भूमिका रहीः वैभव सुरंगे

रोहतक, गिरीश सैनी। वनवासी भारत की आजादी की लड़ाई के अनसंग हीरो हैं। देश की आजादी के आंदोलनों में वनवासियों का अहम योगदान रहा। आज जरूरत है स्वतंत्रता संग्राम में वनवासियों के बलिदान को युवा पीढ़ी जाने, उनके संघर्ष, त्याग और शहादत को याद करें। यह विचार महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के स्वराज सदन में वीरवार को चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एंड इकोनॉमिक चेंज तथा वनवासी कल्याण आश्रम के संयुक्त तत्वावधान में- स्वतंत्रता संग्राम में वनवासी वीरों का योगदान विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी एवं पुस्तक विमोचन समारोह में वक्ताओं द्वारा साझे किए गए।

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने अध्यक्षीय भाषण देते हुए कहा कि वनवासी स्वतंत्रता संग्राम के नायक थे और देश की आजादी में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि आज जरूरत है युवा पीढ़ी वनवासियों के बलिदान से रूबरू हो। कुलपति ने कहा कि एमडीयू एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत जनजातीय इलाकों में एनएसएस शिविर का आयोजन करेगा, जिससे विद्यार्थी वनवासियों बारे जान सकें।

विशिष्ट अतिथि कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा ने वनवासी वीरों को नमन करते हुए कहा कि भारत में विदेशी आक्रमणों के विरुद्ध जनजातियों ने सबसे पहले शस्त्र उठाए। उन्होंने राणा कूंजा भील के योगदान की चर्चा करते हुए वनवासियों के त्याग और बलिदान को अभूतपूर्व बताया। उन्होंने विश्वविद्यालयों में आजादी में वनवासियों के बलिदान पर शोध कार्य करने पर बल देने की बात कही।

मुख्य अतिथि पीजीआईएमएस, रोहतक के बायोकेमिस्ट्री विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एस.के. अग्रवाल ने कहा कि जनजाति वीरों की गाथा को जानने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षा से ही वनवासी वीरों के बलिदान को सामने लाया जा सकता है।  

मुख्य वक्ता अखिल भारतीय युवा प्रमुख, वनवासी कल्याण आश्रम, हरियाणा वैभव सुरंगे ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में वनवासियों की विशेष भूमिका रही। उन्होंने आजादी के लिए वनवासियों के बलिदान के ऐतिहासिक पहलुओं को अपने व्याख्यान में प्रस्तुत किया। तिलका माझी, बिरसा मुंडा, भीमा नायक, वीर नायक, गुड्डू भगत, सिद्दो कान्हो, फूलों जानो समेत अनेक वनवासी क्रांतिकारी नायकों के स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि संथाल जनजाति क्रांति भारतीय स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन की प्रेरणा थी।

इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम में वनवासी वीरों का योगदान विषयक पुस्तक का विमोचन किया गया। वनवासी कल्याण आश्रम, हरियाणा के प्रांत उपाध्यक्ष रमेश गोयल ने प्रारंभ में स्वागत करते हुए कार्यक्रम की विषयवस्तु पर प्रकाश डाला। उन्होंने वनवासी कल्याण आश्रम की विकास यात्रा को रेखांकित करते हुए इसकी कार्यप्रणाली से अवगत करवाया। संस्कृत विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. रवि प्रभात ने मंच संचालन किया। चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एंड इकोनॉमिक चेंज की निदेशक प्रो. सोनिया मलिक ने आभार प्रदर्शन किया।

इस दौरान वनवासी कल्याण आश्रम, रोहतक के जिलाध्यक्ष नवीन गुप्ता, वनवासी कल्याण आश्रम उत्तर क्षेत्र के शहरी प्रभारी जयभगवान समेत वनवासी कल्याण आश्रम के पदाधिकारी, लाइब्रेरियन डॉ. सतीश मलिक, डीन, सामाजिक विज्ञान संकाय प्रो. के. एस. चौहान, प्रो. एन. के. स्वैन, प्रो. संतोष नांदल, प्रो. सुप्रीति, डॉ. नीरजा अहलावत, शोधार्थी, विद्यार्थी व शहर के प्रबुद्धजन मौजूद रहे।