मोबाइल का इस्तेमाल बढ़ा रहा है तनाव और चिड़चिड़ापन: प्रो. राकेश 

मोबाइल का इस्तेमाल बढ़ा रहा है तनाव और चिड़चिड़ापन: प्रो. राकेश 

हिसार, गिरीश सैनी। प्रौद्योगिकी के इस युग में मोबाइल आम जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है। इसके प्रयोग से जहां एक तरफ हमारा जीवन सरल हो गया है, वहीं दूसरी तरफ आज के युवा को इसकी लत लग गई है। मोबाइल की लत युवाओं में पिछले कुछ समय से बढ़ती जा रही है। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार में जनसंचार विभाग के विद्यार्थियों द्वारा 'मोबाइल की लत : शारीरिक व मानसिक प्रभाव' के विषय पर मॉडल प्रेस सम्मेलन व फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ के तौर पर फिजियोथैरेपी विभाग की अध्यक्षा डॉ. जसप्रीत कौर व इंग्लिश के विभागाध्यक्ष तथा साइकोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. राकेश बहमनी को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया।

मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से शरीर पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों के बारे में बताते हुए डॉ जसप्रीत कौर ने कहा कि मोबाइल की लत हमारी सेहत पर बुरा असर डालती है । इससे आपके हाथ के अंगूठे से लेकर गर्दन तक खिंचाव महसूस होता है। बैठने का तरीका भी सही न होने की वजह से कमर व गर्दन की अनेकों बीमारियां हो सकती हैं। 

डॉ राकेश बहमनी ने विद्यार्थियों से मानसिक पहलू पर चर्चा करते हुए कहा कि मोबाइल की लत से दिमाग पर गहरा असर पड़ता है। इससे ध्यान केंद्रित करने की क्षमता कम हो जाती है और युवाओं में तनाव, चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है। बचाव के लिए जरूरी है कि हम अपनी दिनचर्या में मोबाइल को इस्तेमाल करने का समय निर्धारित करें और इसके ज्यादा इस्तेमाल से बचें। 

कार्यक्रम का संचालन प्रो विक्रम कौशिक के मार्गदर्शन में जनसंपर्क विषय के विद्यार्थी ईशा, लक्ष्मी, निशा, सौरभ, गीता, मनीष और राहुल द्वारा किया गया। इस दौरान प्रो उमेश आर्य, डॉ मिहिर रंजन पात्र, डॉ पल्लवी, डॉ कुसुम लता, डॉ भूपेंद्र, सभी शोधार्थी व विद्यार्थी मौजूद रहे।