एमडीयू की नैक मान्यता पर मचा बवाल
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कुलपति और जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल पद से हटाने की मांग की।
विवि प्रशासन ने दिया नई मान्यता प्रणाली का हवाला।
रोहतक, गिरीश सैनी। लोकसभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने एमडीयू प्रशासन द्वारा जानबूझ कर की गई लापरवाही के चलते नैक की ए+ ग्रेडिंग खत्म होने, इसके चलते हजारों छात्रों का भविष्य अधर में जाने, छात्रों की डिग्री पर संकट पैदा होने, यूजीसी से मिलने वाली करोड़ों रुपये की ग्रांट का नुकसान होने की खबरों पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि एमडीयू द्वारा नैक की झूठी ए+ ग्रेडिंग दर्शाना शैक्षणिक धोखाधड़ी व पूरे हरियाणा में उच्च शिक्षा की दुर्दशा का प्रतीक है। नैक ग्रेडिंग खत्म होने के बाद यूजीसी ने एमडीयू को ओडीएल/ऑनलाइन कोर्स चलाने के लिए अयोग्य करार दिया है। यूजीसी के पत्र से स्पष्ट है कि नैक मान्यता मार्च 2024 में समाप्त होने से पहले छह माह पूर्व नवीनीकरण प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए थी, जो नहीं की गई। आवश्यक दस्तावेज समय पर जमा नहीं किए।
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कुलपति और जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल पद से हटाए जाने की मांग करते हुए कहा कि फर्जी मान्यता दिखाकर छात्रों को धोखा देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो। साथ ही तुरंत नये सिरे से नैक मान्यता के लिए अप्लाई किया जाए। उन्होंने कहा कि एमडीयू को लेकर सामने आए खुलासे यह साबित करते हैं कि हरियाणा में उच्च शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह भ्रष्टाचार और प्रशासनिक निकम्मेपन की भेंट चढ़ चुकी है। यदि समय से निरीक्षण होता, तो गिरती रेटिंग की पूरी पोल खुलती, इसलिए जानबूझकर मामले को दबाया गया। विवि प्रशासन ने जानबूझकर निरीक्षण से बचने का प्रयास किया, ताकि विवि की गिरती रेटिंग सामने न आए।
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वहीं, एमडीयू के जनसंपर्क अधिकारी द्वारा जारी विज्ञप्ति में नैक मान्यता को लेकर फैलाई जा रही भ्रांतियों पर विवि की ओर से आधिकारिक सूचना दी गई है। इसके अनुसार एमडीयू ने हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्टों में नैक मान्यता को लेकर प्रस्तुत किए गए भ्रामक तथ्यों पर गंभीर संज्ञान लिया है। विवि अपने विद्यार्थियों, अभिभावकों, पूर्व छात्रों, कर्मचारियों तथा अन्य सभी हितधारकों के व्यापक हित में वास्तविक और प्रमाणिक स्थिति को शांत, स्पष्ट और पारदर्शी ढंग से सार्वजनिक करना अपना कर्तव्य समझता है।
इस विज्ञप्ति में कहा गया है कि एमडीयू को वर्ष 2019 में नैक ग्रेड ए+ प्रदान किया गया था, जिसकी वैधता पाँच वर्ष की थी। इस अवधि के पूर्ण होने से पहले नैक ने 27 जनवरी 2024 को एक सार्वजनिक सूचना जारी कर नई मान्यता प्रणाली लागू करने की घोषणा की थी। नैक ने बताया था कि नई प्रणाली अगले चार महीनों में प्रभावी होगी और वर्तमान पद्धति के तहत नए आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। इस महत्वपूर्ण नीति परिवर्तन को देखते हुए एमडीयू ने समय रहते नई पद्धति के अंतर्गत आवेदन करने का निर्णय लिया और नैक को अनुरोध किया कि वह विवि को नई प्रणाली के अनुसार आईआईक्यूए और एसएसआर जमा करने की अनुमति दे तथा तब तक मौजूदा ए+ ग्रेड को निरंतर मान्य रखे। एमडीयू तब से लगातार नैक के संपर्क में है।
जून 2024 में नैक ने पुनः स्पष्ट किया कि नई मान्यता प्रणाली- बाइनरी एक्रेडिटेशन (जुलाई 2024 से) और मैच्योरिटी बेस्ड ग्रेडेड लेवल एक्रेडिटेशन (जनवरी 2025 से) लागू की जाएगी, लेकिन अब तक ये प्रक्रियाएँ नैक स्तर पर पूर्णतः क्रियान्वित नहीं हो पाई हैं। विवि ने स्पष्टीकरण दिया कि विवि नई मान्यता चक्र के लिए पूर्णतः तैयार है, किन्तु नैक द्वारा नई प्रणाली का पोर्टल/प्रक्रिया अभी औपचारिक रूप से प्रारम्भ नहीं की गई है, जिसके कारण विवि आवेदन करने के लिए प्रतीक्षारत है।
Girish Saini 


