2025 में जिन्होंने छुआ आसमान
डा.जवाहर धीर को मिला साहित्य में अंतरराष्ट्रीय साहित्य सम्मान एवं पंजाब सरकार का 'धन्वंतरि अवार्ड-2025'
फगवाड़ा के नामवर साहित्यकार डा.जवाहर धीर, जिन्होंने अपनी लेखनी और मरीजों तथा समाज सेवा के माध्यम से काल के गर्भ में समाने जा रहे साल 2025 में 'धन्वंतरि अवार्ड' प्राप्त करके न सिर्फ अपने नाम को सार्थक किया अपितु फगवाड़ा नगर को भी गौरवान्वित किया। सचमुच साल 2025 डा.धीर के जीवन का स्वर्णिम वर्ष रहा है।

फगवाड़ा के अपने समय के प्रसिद्ध चिकित्सक स्व.डा.हंस राज धीर जो एक धार्मिक शख्सियत भी थे,के सबसे छोटे बेटे डा.जवाहर धीर ने लगभग साठ बर्ष पहले छोटी उम्र में ही कलम थाम ली थी। बीते साठ वर्षों में आपने उपन्यास, कहानियां,जीवंत यात्रा संस्मरण, कविताएं व्यंग्य लेख और लघुकथाओं पर आधारित कुल सत्रह पुस्तकें लिखीं और प्रकाशित हुईं।
इसी साल में 14अप्रैल को डा.जवाहर धीर को अपनी धर्मपत्नी श्रीमती वन्दना धीर के साथ शादी की पचासवीं वर्षगांठ मनाने का शुभ अवसर मिला।इसी साल में दस जून को डा.जवाहर धीर का 75वां जन्मदिन था।
इस बर्ष सितम्बर माह में लंदन से प्रकाशित होती अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका 'कवितावली' द्वारा आपके साहित्य में किए कार्य पर मोहर लगाते हुए आपको इस बर्ष का "विश्व हिंदी साहित्य साधना विभूषणम्" सम्मान प्रदान किया। इस अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार को डा.धीर अपने जीवन का स्वर्णिम सम्मान बताते हैं।
उर्दू ओर हिंदी लेखक अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धी प्राप्त साहित्यकार डॉ.केवल धीर के
के सबसे छोटे भाई डा.जवाहर धीर जो पंजाब सरकार के पूर्व जिला आयुर्वेद एवं युनानी अधिकारी तथा पंजाब सरकार की ड्रग एडवाइजरी कमेटी के पूर्व सदस्य हैं,को पंजाब सरकार के आयुर्वेद विभाग द्वारा बर्ष "धन्वंतरि अवार्ड -2025" प्रदान किया गया। आयुर्वेद विभाग द्वारा यह सम्मान हर बर्ष आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार हेतु कार्य करने और मरीज़ों की सेवा करने के लिए दिया जाता है।
दोआबा साहित्य एवं कला अकादमी के अध्यक्ष डा.जवाहर धीर पिछले साठ वर्षों से साहित्य साधना में रत हैं। इसी साल डॉ. जवाहर धीर की सत्रहवीं पुस्तक "मॉं कभी मरती नहीं" प्रकाशित हुई,जिसका साहित्य जगत में भरपूर स्वागत हुआ। पिछले पचपन से भी अधिक सालों से आकाशवाणी पर अपने कार्यक्रम पेश करने वाले डा.धीर ने इस साल में दो बार वार्ताएं पेश कीं तथा दूरदर्शन पंजाबी ने अक्टूबर माह में उनका साक्षात्कार लेकर एक साथ 72 देशों में प्रसारित भी किया। इसके अतिरिक्त लंदन के बिल टी.वी. के पत्रकार नवीन कुमार ने डा.धीर से साक्षात्कार करके प्रसारित किया।
अगर स्थानीय स्तर की बात करें तो संयुक्त चिकित्सा पद्धति के डाक्टरों की राष्ट्रीय संस्था नीमा द्वारा आपको लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड देकर सम्मानित किया गया । सीनियर सिटीज़ंस कौंसिल,प्रीत साहित्य सभा, गुरुनानक कालेज फार वूमेन, एनवायरमेंट एसोसिएशन आदि द्वारा भी आपको सम्मानित किया गया। डा.जवाहर धीर इन प्राप्तियों का श्रेय अपनी धर्मपत्नी वंदना धीर को देते हैं, क्योंकि साहित्य साधना में वे आपकी सहभागी बनीं।
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