सामाजिक चेतना के साथ-साथ आध्यात्मिक चेतना जागृति समाज की जरूरतः कुलपति प्रो राजबीर सिंह

सामाजिक चेतना के साथ-साथ आध्यात्मिक चेतना जागृति समाज की जरूरतः कुलपति प्रो राजबीर सिंह

रोहतक, गिरीश सैनी। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) के फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर (एफडीसी) तथा सेंटर फॉर यौगिक स्टडीज (सीवाईएस) के तत्वावधान में चैतन्य आधारित शिक्षा विषयक कार्यशाला का उद्घाटन कुलपति प्रो राजबीर सिंह ने किया।

कुलपति प्रो राजबीर सिंह ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य चेतना जागृति भी है। सामाजिक चेतना के साथ-साथ आध्यात्मिक चेतना जागृति समाज की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की चेतना जागृति, मूल्य आधारित शिक्षा तथा संवेदी शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान है। कुलपति ने कहा कि ध्यान चेतना जागृति का प्रभावी माध्यम है।
इस कार्यशाला के मुख्य वक्ता डॉ एशले डीन्स ने चैतन्य आधारित शिक्षा के सिद्धांत तथा प्रक्रिया बारे बताया।
उन्होंने मस्तिष्क की कार्यप्रणाली तथा ध्यान-चेतना के गुर बताए।
एलमट रोएडट तथा विवेक वैद्यनाथन ने एकाग्रता प्राप्ति के मार्ग तथा ध्यान के महत्व पर प्रकाश डाला। स्वागत भाषण निदेशक एफडीसी प्रो संदीप मलिक ने दिया। समन्वयक उप निदेशक एफडीसी डॉ माधुरी हुड्डा ने किया। कार्यशाला आयोजन महर्षि महेश योगी  विश्वविद्यालय/संस्थान के सहयोग से किया गया।
कार्यक्रम में डीन आर एंड डी, प्रो अरुण नंदा, डीन स्टूडेंट वेलफेयर, प्रो रणदीप राणा, डीन एजुकेशन प्रो आर पी गर्ग समेत प्राध्यापक, शोधार्थी, विद्यार्थी मौजूद रहे। सत्र संचालन वाणिज्य विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ रेखा धींगड़ा ने किया।