सांकेतिक भाषा समाज की विविधता को जोड़ने वाला सेतु: डॉ. शरणजीत कौर
भारतीय सांकेतिक भाषा पर कार्यशाला।

रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू के सेंटर फॉर डिसेबिलिटी स्टडीज के तत्वावधान में -सांकेतिक भाषा जोड़ती है विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला प्रारंभ हुई। मूक-बधिरों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना और समाज में समावेशी दृष्टिकोण को बढ़ावा देने से उद्देश्य से आयोजित इस कार्यशाला का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि, डॉ. शरणजीत कौर, अध्यक्ष, भारतीय पुनर्वास परिषद ने दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने कहा कि सांकेतिक भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि समाज की विविधता को जोड़ने वाला सेतु है। हमें सभी को समान अवसर देकर ही सशक्त भारत का निर्माण करना होगा।
गेस्ट ऑफ ऑनर एवं विवि के कुलसचिव डॉ. कृष्णकांत ने कहा कि सांकेतिक भाषा समावेशी शिक्षा की अनिवार्य कड़ी है। उन्होंने विवि की ओर से दिव्यांगजनों के लिए और अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयास करने का आश्वासन दिया।
सीडीएस की निदेशक प्रो. प्रतिमा देवी ने स्वागत भाषण दिया। प्रो. राधेश्याम ने कार्यशाला की थीम पर विस्तार से प्रकाश डाला। प्रो. आशीष दहिया, निदेशक आईएचटीएम एवं जनसंपर्क ने समावेशिता को सामाजिक न्याय का आधार बताया। मंच संचालन डॉ. प्रियंका यादव ने किया। डॉ. कपिल मल्होत्रा ने आभार व्यक्त किया।