शोधार्थियों, विद्यार्थियों तथा प्राध्यापकों को नवीनतम वैज्ञानिक विकास पहलुओं से अवगत होना होगा: प्रो. दिनाकर कांजीलाल 

दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू। 

शोधार्थियों, विद्यार्थियों तथा प्राध्यापकों को नवीनतम वैज्ञानिक विकास पहलुओं से अवगत होना होगा: प्रो. दिनाकर कांजीलाल 

रोहतक, गिरीश सैनी। विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी ने मानव प्रगति में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। परंतु विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी का मानवीय स्पर्श होना बेहद जरूरी है। देश की आर्थिक प्रगति तथा राष्ट्र निर्माण में वैज्ञानिक योगदान देने का आह्वान प्रतिष्ठित वैज्ञानिक तथा इंटर यूनिवर्सिटी एक्सीलेटर सेंटर, नई दिल्ली के पूर्व निदेशक डा. दिनाकर कांजीलाल ने शुक्रवार को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग द्वारा- फंक्शनल मैटीरियल्स एण्ड सेंसर्स विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि किया। 
प्रो. दिनाकर कांजीलाल ने अपने प्रेरणादायी भाषण में कहा कि शोधार्थियों, विद्यार्थियों तथा प्राध्यापकों को नवीनतम वैज्ञानिक विकास पहलुओं से अवगत होना होगा। नए वैज्ञानिक विचारों के प्रति खुला मन रखने तथा सहभागी वैज्ञानिक शोध कार्यों से जुडऩे का परामर्श डा. दिनाकर कांजीवाल ने दिया। प्रो. कांजीलाल ने लेजर टेक्नोलोजी के बहुआयामी उपयोग, विशेष रूप से हेल्थ केयर, एनर्जी तथा इलैक्ट्रानिक्स क्षेत्र में, को रेखांकित किया। क्वांटम मैटिरियल्स के भविष्य में महत्व बारे भी प्रो. दिनाकर कांजीवाल ने संकेत किया। लेसिक साइंस में शोध के लिए बल देते हुए कहा कि विकसित राष्ट्रों में एडवांस्ड के साथ-साथ बेसिक साइंस रिसर्च पर भी फोकस रहता है। भारत सरकार की विभिन्न वैज्ञानिक स्कीमों का लाभ उठाकर रिसर्च फेलोशिप प्राप्त करने का परामर्श प्रो. दिनाकर कांजीलाल ने दिया।
राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में अध्यक्षीय भाषण देते हुए एमडीयू के डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. ए.एस. मान ने कहा कि वैज्ञानिक शोध का इस्तेमाल समस्या उन्मूलन तथा मानव कल्याण के लिए किया जाना चाहिए। वर्तमान समय में नवोन्मेषी शोध, विशेष रूप से एन्त्रोप्रोनियरशिप तथा स्टार्ट अप्स केन्द्रित शोा के महत्व को प्रो. मान ने रेखांकित किया। युवा शोधार्थियों को रिसर्च ऐथिक्स पालन करने की सलाह प्रो. मान ने दी।
भौतिकी विभाग के अध्यक्ष तथा इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक प्रो. राजेश पुनिया ने स्वागत भाषण दिया। प्रो. पुनिया ने इस राष्ट्रीय संगोष्ठी की थीम पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस दो दिवसीय संगोष्ठी में आमंत्रित वक्ताओं के साथ-साथ प्रतिभागी डेलीगेट्स की शोध प्रस्तुतियों होंगी। 157 पोस्टर शोध पत्र भी संगोष्ठी में प्रस्तुत किए जाएंगे। उद्घाटन सत्र में आभार प्रदर्शन डा. अनिल ओहल्यण ने किया। संगोष्ठी के तकनीकी सत्र में रक्षा अनुसंधान तथा विकास संगठन, दिल्ली की वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. पुष्पाश्री मिश्रा ने सेमीकंडक्टरस के उपयोग संबंधित व्याख्यान दिया। वहीं, जेएनयू नई दिल्ली के डा. पवन कुमार कुलडिय़ा ने एडवांस्ड न्यूक्लियर मैटिरियल्स बारे व्याख्यान दिया।
इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में भौतिकी विभाग के प्राध्यापक प्रो. संजय दहिया, प्रो. राजेश परमार, डा. सज्जन दहिया, डा. गरिमा ढिंगड़ा, डा. रजनी बाला, डीन यूआईईटी प्रो. युद्धवीर, निदेशक सीआईएल प्रो. सपना गर्ग, जूलोजी विभागाध्यक्षा प्रो. विनीता शुक्ला, निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी, विभिन्न विश्वविद्यालयों से आए प्राध्यापक, डेलीगेट्स, शोधार्थी, विद्यार्थी मौजूद रहे। इस दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में नैनो मैटिरियल्स, लुमीनीसेंट मैटिरियल्स, सेंसर्स, सोलर सैल, पोलीमर एण्ड कंपोसिट्स, एनर्जी स्टोर डिवाइसेज आदि फंक्शनल मैटिरियल्स पर मंथन होगा।  (16/02/2024)