जिम्मेदारी के साथ चुनौतियों भरा कार्य है जनसंपर्कः प्रो. हरीश कुमार
राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस पर कार्यक्रम आयोजित।

रोहतक, गिरीश सैनी। राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस के उपलक्ष्य में एमडीयू के पत्रकारिता और जनसंचार विभाग में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का जिम्मेदार उपयोग: जनसंपर्क की भूमिका विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बतौर मुख्य वक्ता, पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. हरीश कुमार ने कहा कि संकट के समय शांति और सत्यता बनाए रखना जनसंपर्क पेशेवरों के सामने मुख्य चुनौतियां हैं। उन्होंने आज के समय में प्रत्येक विभाग और संस्था में जनसंपर्क की आवश्यकता पर बल दिया ताकि उनकी बेहतर छवि और प्रतिष्ठा का निर्माण किया जा सके। उन्होंने कहा कि जनसंपर्क एक जिम्मेदारी का कार्य है और इसमें बहुत सी चुनौतियां भी हैं। आज के तकनीक प्रधान समय में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रयोग बहुत ही जिम्मेदारी से किया जाना चाहिए।
सहायक प्राध्यापक डॉ. नवीन कुमार ने कहा कि जनसंपर्क के माध्यम से ही संस्थाओं और उनके हितधारकों के बीच एक विश्वास पैदा किया जा सकता है। उन्होंने संकट और भ्रांतियों के समय में जनसंपर्क संचार की भूमिका को उजागर किया।
विभाग के पूर्व छात्र डॉ. योगेश कुमार ने कहा कि जनसंपर्क कर्मियों को अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन के बीच संतुलन बनाए रखना चाहिए। शोधार्थी कुलदीप ने जनसंपर्क के ऐतिहासिक विकास, सरकारी, सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में जनसंपर्क की संरचना पर प्रकाश डाला। शोधार्थी प्रिया ने मंच संचालन किया। इस दौरान शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।