बाल विवाह के मामले में जेल की सजा का प्रावधानः एडीसी नरेंद्र कुमार
अक्षय तृतीया पर प्रशासन की रहेगी पैनी नजर।

रोहतक, गिरीश सैनी। अतिरिक्त उपायुक्त नरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में जिला स्तरीय निरीक्षण कमेटी, धार्मिक नेताओं व स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ बाल विवाह के विषय पर बैठक का आयोजन किया गया। अतिरिक्त उपायुक्त ने सभी धार्मिक नेताओं को अपने सभी धार्मिक कार्यक्रमों में बाल विवाह जैसी कुरीति को समाप्त करने में अपनी भूमिका निभाने की अपील की।
एडीसी नरेंद्र कुमार ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के बारे में बताते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति बाल विवाह जैसी कुरीति को बढ़ावा देता है या बाल विवाह में शामिल होता हैं तो उसे 2 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र की लडक़ी और 21 वर्ष से कम उम्र के लडक़े को नाबालिग माना जाता है। इसके अलावा बाल विवाह बच्चे के अधिकार पर भी हमला है। उन्होंने कहा कि अक्षय तृतीया पर होने वाले विवाहों पर प्रशासन की कड़ी निगरानी रहेगी। यदि किसी आमजन को किसी भी बाल विवाह की सूचना मिले तो तुरंत जिला प्रशासन को इसके बारे में सूचना दें।
बैठक में संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी करमिंदर कौर, जिला बाल संरक्षण अधिकारी कुलदीप सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी कुमारी दीपिका सैनी, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजपाल सिंह, उप शिक्षा अधिकारी मुन्नी सहारन, उप चिकित्सा अधिकारी डॉ दिनेश गर्ग सहित विभिन्न धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं व बाल कल्याण समिति के सदस्य मौजूद रहे।