नी रिप्लेसमेंट की दुनिया में नई उम्मीद जगाई पिक्सी एआर टेक्नोलॉजी ने
रेडिएशन या प्री-सर्जरी सीटी/एमआरआई की जरूरत खत्म की।

रोहतक, गिरीश सैनी। हर आयु वर्ग में तेजी से बढ़ रही जोड़ों की बीमारियों के बीच अत्याधुनिक तकनीक "पिक्सी नी प्लस एआर" ने नई उम्मीद जगाई है। पिक्सी मेडिकल द्वारा विकसित इस तकनीक ने ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से नी रिप्लेसमेंट को पहले से कहीं अधिक सटीक, सुरक्षित और आसान बनाया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पिक्सी एआर एक उन्नत नेविगेशन सिस्टम है, जिसे टोटल नी आर्थ्रोप्लास्टी (टीकेए) के लिए डिजाइन किया गया है। इस प्रणाली में स्मार्ट ग्लासेस और री-यूज़ेबल मार्कर्स का उपयोग किया जाता है, जो सर्जरी के दौरान सर्जन को वास्तविक समय में हड्डियों की यांत्रिक दिशा और इम्प्लांट गाइड की स्पष्ट 3डी छवियां दिखाते हैं। यह तकनीक बिना किसी सीटी स्कैन या इन्ट्रामेडुलरी रॉड के हिप, घुटने और टखने की स्थिति को ट्रैक कर हाई-डेफिनिशन 3डी गाइडेंस देती है।
वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक्स चिकित्सक डॉ आशीष जैन बताते हैं कि पिक्सी की प्रमुख विशेषताओं में सटीक इम्प्लांट पोजिशनिंग शामिल है, जिससे जोड़ों की परफेक्ट एलाइनमेंट सुनिश्चित होती है और रिवीजन सर्जरी की आवश्यकता घटती है। उन्होंने बताया कि यह एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है, जिससे खून बहाव और ऊतकों को नुकसान कम होता है। बेहतर सर्जरी के कारण मरीज 24-48 घंटों के भीतर चलना शुरू कर सकते हैं। इसमें किसी तरह की रेडिएशन या प्री-सर्जरी सीटी/एमआरआई की जरूरत नहीं पड़ती। यह तकनीक अत्यधिक मोटे मरीजों के लिए भी प्रभावी सिद्ध हो रही है।