दोआबा कॉलेज में पंजाब की मीडिया राजनीति और समस्याओं पर पैनल डिस्कशन

जालन्धर, 2 मई, 2025: दोआबा कॉलेज के पोस्ट ग्रैजुएट जर्नालिज्म एवं मॉस कम्युनिकेशन के विभाग तथा ब्राऊसर बुक क्लब द्वारा पंजाब की मीडिया राजनीति और समस्याओं पर पैनल डिस्कशन किया गया जिसमें चन्द्र मोहन-प्रधान आर्या शिक्षा मण्डल एवं कॉलेज प्रबन्धकीय समिति, सुरेश सेठ- प्रसिद्ध साहित्यकार एवं मैंबर कॉलेज प्रबन्धकीय समिति बतौर पैनेलिस्ट उपस्थित हुए जिनका हार्दिक अभिनन्दन प्रि. डॉ. प्रदीप भण्डारी, डॉ. सिमरन सिद्धू-विभागाध्यक्षा, प्राध्यापकों और विद्यार्थियों ने किया ।
चन्द्र मोहन ने विद्यार्थियों को विचारों की समानता के महत्व को समझने तथा अपने अन्दर स्वतंत्र आलोचनात्मक सोच को विकसित करने के लिए प्रेरित किया ताकि वह अपने अन्दर सटीक एवं नैतिक पत्रकारिता के गुण का संचारित कर सके । उन्होंने विद्यार्थियों को राजनीतिक पार्टियों के झूठे प्रसार एवं प्रचार तंत्र से बच कर रहने के लिए चेतावनी देते हुए उन्हें पंजाब के असली मुद्दों के प्रति सजग होकर अपनी सही अवधारणा से उन मुद्दों को पहचान कर अपनी राय देने के लिए बल दिया । उन्होंने विद्यार्थियों को अपने देश की धर्म निरपेक्षता एवं सभ्याचारिक की शुद्धता का कायम रखने का यत्न करना चाहिए । इसके साथ ही उन्होंने जर्नालिज्म के विद्यार्थियों को अपना मत एवं विचार बिना किसी हिचकिचाहट के किसी भी मुद्दे पर निर्भीक हो कर प्रकट करने की ताकत पैदा करनी चाहिए ताकि वह किसी भी राजनीतिक दलों के भटकाऊ एवं भड़काऊ विचारों से प्रभावित ना हो सके ।
सुरेश सेठ ने विद्यार्थियों को पंजाब के क्रांतिकारी इतिहास की पूर्ण जानकारी हासिल कर अपने लिए जीवन में उनमें से अपने प्रेरणा स्त्रोत चुनने चाहिए ताकि वह पंजाब के विकास में अपनी बढ़िया साकारात्मक भूमिक निभा सके । उन्होंने विद्यार्थियों को कहा कि वह पंजाब के सही ज्वलंत मुद्दों पर अपनी आवाज़ बुलंद करते हुए उन्हें सुलझाने के प्रयास में सहायक बने ।
डॉ. नम्रता निस्तांदरा ने इस दौरान श्री चन्द्र मोहन एवं उनकी पुत्री ज्योत्सना मोहन द्वारा लिखित चर्चित किताब प्रताप- ए डिफाईंड न्यूज़पेपर के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि कैसे इस किताब में अपने समय के बहु चर्चित ऊर्दू के रोज़ाना अख़बार प्रताप ने भारत के आज़ादी के संघर्ष में अपना साकारात्मक योगदान दिया और आज़ादी के उपरांत कैसे विभिन्न चुनौतियों का डट कर सामना किया । उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि जैसे ऊर्दू के अख़बार प्रताप ने उस समय समाज में मौजूद विभिन्न भेद-भावों, चुनौतियों आदि का सामना बखूबी किया वैसे ही विद्यार्थियों को इससे प्रेरणा लेकर समाज में मौजूद विभिन्न कुरूतियों के खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए ।
डॉ. प्रिया चोपड़ा ने पैनल डिस्कशन में मॉडरेटर की भूमिका निभाई । इस मौके पर कॉलेज के विद्यार्थी और प्राध्यापक उपस्थित थे ।