थैलेसीमिया पर अंकुश लगाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही नायब सरकारः कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा

थैलेसीमिया मुक्त समाज विषय पर सेमिनार।

थैलेसीमिया पर अंकुश लगाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही नायब सरकारः कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा

रोहतक, गिरीश सैनी। हरियाणा के लोक निर्माण एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री रणबीर गंगवा ने कहा है कि थैलेसीमिया जैसी बीमारी पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश की नायब सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। मंत्री गंगवा रविवार को स्थानीय बाबा लक्ष्मण पुरी धाम पर हम और आप सोशल वेलफेयर सोसाइटी तथा रक्त गिरी फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित -एक कदम थैलेसीमिया मुक्त समाज की ओर विषय पर आयोजित सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित जन को संबोधित कर रहे थे।

मंत्री रणबीर गंगवा ने कहा कि थैलेसीमिया के रोगियों व उनके परिजनों की पीड़ा को समझा जा सकता है। इस बीमारी के रोगी जहां दूसरों पर निर्भर हो जाते हैं, वहीं परिजनों को भी काफी पीड़ा रहती है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में सरकार सार्थक कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देना नायब सरकार की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने थैलेसीमिया के उपचार के साथ-साथ जागरूकता को भी जरूरी बताते हुए कहा कि इस दिशा में गैर सामाजिक संगठनों द्वारा स्थानीय कार्य किया जा रहा है।

मंत्री ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि सबके सहयोग से इस बीमारी को रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि तीन माह के गर्भ के दौरान गर्भवती महिला की चिकित्सा जांच अवश्य होनी चाहिए। इसके लिए गैर सरकारी संगठनों द्वारा आयोजित जागरूकता के कार्यक्रमों को सरकार की ओर से पूरा सहयोग व समर्थन मिलेगा।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पूर्व मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर ने कहा कि इस बीमारी के होने तथा यह बीमारी ना हो इस विषय पर शोध करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश के 12 राज्यों के 83 गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने यहां सेमिनार आयोजित करके थैलेसीमिया जैसी गंभीर अनुवांशिक बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने का सराहनीय कार्य  किया है।

ग्रोवर ने कहा कि साधनों के बढऩे के साथ-साथ बीमारियां भी बढ़ी है। पहले लोग पैदल चलते थे और शारीरिक मेहनत ज्यादा करते थे, लेकिन आज शारीरिक परिश्रम कम हो गया है। महामंडलेश्वर बाबा कपिल पुरी ने थैलेसीमिया के बारे में जागरूकता बढ़ाने को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इससे लोगों को इस बीमारी के बारे में जानने और इसके जोखिमों को समझने में मदद मिलेगी। पूर्व मेयर मनमोहन गोयल ने कहा कि हम सबको मिलकर यह प्रयास करने होंगे कि थैलेसीमिया का मरीज अपना पूरा जीवन जी सके। उन्होंने कहा कि थैलेसीमिया के रोगियों के उपचार के लिए जहां प्रधानमंत्री कोष से सहायता मिल रही है वहीं विभिन्न सामाजिक संगठन भी इसमें अपना सहयोग दे रहे हैं।

स्वामी डॉ. परमानंद ने कहा कि थैलेसीमिया के बच्चों को देखकर प्रत्येक व्यक्ति के मन में करुणा की भावना पैदा होती है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से ग्रस्त बच्चों को पूरी जिन्दगी रक्त देना पड़ता है और वे दूसरों पर निर्भर रहते हैं, इसलिए इस बीमारी पर अंकुश लगाना बेहद जरूरी है। समाजसेवी राजेश जैन ने अपने विचार साझा करते हुए थैलेसीमिया के रोगियों की सहायता में जुटे सामाजिक संगठनों की सराहना की। सेमिनार में आए विशेषज्ञ, चिकित्सकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं व स्वास्थ्य कर्मियों ने थैलेसीमिया की रोकथाम, विवाह पूर्व स्क्रीनिंग, सामाजिक भागीदारी और जन जागरूकता जैसे विषय पर विचार रखे। थैलेसीमिया से पीड़ित मरीजों और उनके परिजनों ने भी मंच से अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम में 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। छात्रों द्वारा नुक्कड़ नाटक, पोस्टर प्रदर्शनी व जन जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से थैलेसीमिया के विभिन्न पहलुओं को अवगत कराया। इस दौरान पं. बीडीएस हेल्थ विवि के कुलपति प्रो. एच.के. अग्रवाल, सिविल सर्जन डॉ. रमेश चंद्र आर्य, डॉ.जोसेफ जोहन, डॉ. हिमानी धींगड़ा, डॉ. अल्का यादव, डॉ.वाणी मल्होत्रा, डॉ. प्रवीन मल्होत्रा, डॉ. गजेंद्र सिंह सहित विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।