जीएनडीयू में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन

जीएनडीयू में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन

अमृतसर: गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के दिव्यांगजनों के लिए समान अवसर भागीदारी प्रकोष्ठ(ईओसी-पीडबल्यूडी) द्वारा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आनलाइन राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया।दिव्यांगजनों के लिए विश्वविद्यालय के नोडल अधिकारी और हिन्दी-विभाग के सह-प्रोफ़ेसर डॉ.सुनील कुमार ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि योग व्यायाम का ही एक ऐसा प्रभावशाली ढंग है जिसके माध्यम से न केवल शरीर के विभिन्न अंगों बल्कि मन,मस्तिष्क और आत्मा में संतुलन बनाया जा सकता है‌।योग से शारीरिक व्याधियों के साथ-साथ मानसिक व्याधियों से भी निजात पाई जा सकती है।पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 15 जून, 2015 को विश्व भर में बड़ी धूमधाम से मनाया गया तब से प्रतिवर्ष बड़े स्तर पर इसका आयोजन किया जा रहा है।यह समूचे विश्व को भारत की धरोहर है‌।कोविड जैसी वैश्विक महामारी के दौर में तो योग की भूमिका और भी अधिक बढ़ गयी है।उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के यशस्वी कुलपति प्रोफ़ेसर (डॉ.) जसपाल सिंह संधू के कुशल नेतृत्व और  प्रेरणा से इन कार्यक्रमों का बखूबी आयोजन निरंतर किया जा रहा है।इस वर्ष योग दिवस का थीम 'घर पर रहकर योग करें' है।

डीन,अकादमिक मामले प्रोफेसर(डॉ.)हरदीप सिंह ने अपने उद्घाटन वक्तव्य में कहा कि योग शरीर और मस्तिष्क को एक साथ संतुलित करके प्रकृति से जुड़ने का सबसे सुरक्षित माध्यम है।यह शरीर और मस्तिष्क पर नियंत्रण करने के साथ ही तनाव और चिंता को कम करके शरीर और मस्तिष्क के अच्छे स्वास्थ्य को प्राप्त करने में मदद करता है।योग एक अत्यंत प्राचीन पद्धति है जो विश्व को भारत की अनुपम देन है।योग सभी के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है।वास्तव में योग प्राचीन समय से मनुष्य को प्रकृति के द्वारा दिया गया बहुत ही महत्वपूर्ण और अनमोल उपहार है,जो जीवन भर मनुष्य को प्रकृति के साथ जोड़कर रखता है। उन्होंने इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के आयोजन के लिए ईओसी-पीडबल्यूडी और डॉ.सुनील कुमार के प्रयासों की प्रशंसा की तथा निरंतर ऐसे आयोजनों की आवश्यकता पर बल दिया‌।

योगा व मेडिटेशन विशेषज्ञ आर्ट ऑफ लिविंग श्री श्री योगा अध्यापक श्री रमन अग्रवाल ने अपने विशिष्ट व्याख्यान में कहा कि दैनिक जीवन में योग का अभ्यास शरीर को आंतरिक और बाहरी ताकत प्रदान करता है।यह शरीर की प्रतिरोधी प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है और विभिन्न बीमारियों से हमारी रक्षा करता है।योग में प्राणायाम और कपाल भाति आदि योग क्रियाएं शामिल हैं जो सबसे अधिक प्रभावी सांस की क्रियाएं हैं।एक स्वस्थ जीवनशैली विकसित करने के लिए योग आसनों का नियमित रूप से अभ्यास करना चाहिए।उन्होंने अपने व्याख्यान में योग के सभी सूत्रों-यम,नियम,आसन,प्राणायाम,प्रत्याहार,धारणा,ध्यान और समाधि की चर्चा की।उन्होंने जीवन में कर्मयोग,ज्ञानयोग और भक्तियोग को अपनाने पर बल दिया जो भगवद्गीता का संदेश है।उन्होंने कहा कि योग अनुशासित करता है, आत्मविश्वास बढ़ाता है, नकारात्मक चिंतन और तनाव से मुक्ति दिलाता है तथा मानसिक शक्ति बढ़ाता है‌।उन्होंने कुछ यौगिक क्रियाएं भी करके दिखाई।श्री रमन अग्रवाल का व्याख्यान बहुत ही रोचक, सारगर्भित,रचनात्मक ज्ञानवर्द्धक और संदेशपरक रहा।

योगा व हेल्थ विशेषज्ञ तथा श्री श्री योगा अध्यापिका राधिका अग्रवाल ने अपने व्याख्यान में योग की महत्ता और अनिवार्यता पर जोर देते हुए कहा कि भयंकर प्रतिस्पर्धा और महामारी के इस दौर में योग तनाव को कम करने के साथ ही भावात्मक विकास में वृद्धि करता है।योग मन,शरीर और आत्मा की एकता में सहायक है।दैनिक जीवन में योग को अपनाने से एक सकारात्मक परिवर्तन आता है।मनुष्य के तन-मन को सुकून देने के लिए योग महत्वपूर्ण साधन है।राधिका अग्रवाल ने भी वर्चुअली यौगिक क्रियाएं कर योग की महत्ता का प्रतिपादन किया।

इस अवसर पर एफडीसी-एचआरडीसी के निदेशक प्रोफेसर (डॉ.)आदर्शपाल विग ने  अपने विचार सांझा करते हुए कहा कि योग हमारे जीवन को ताकतवर,ज्ञानी बनाता है,चिंतन और मन पर काबू रखकर अन्य सभी विकारों को दूर रखता है। उन्होंने ईओसी-पीडबल्यूडी द्वारा आयोजित किए जा रहे इन कार्यक्रमों,दिव्यांगजनों के लिए नोडल अधिकारी डॉ.सुनील कुमार तथा विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर (डॉ.)जसपाल सिंह संधू की प्रतिबद्धता की विशेष सराहना की‌।

फुलकारी कैन की कैंसर मुक्त अभियान की प्रोग्राम हेड और वूमेंस चैप्टर ऑफ सीटीआई,पंजाब की अध्यक्ष श्रीमती प्रियंका गोयल ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया।उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि मन और शरीर को तंदुरुस्त रखने के लिए हमारी प्राचीन योग कला स्वीकार की गयी और दुनिया भर में इसकी सराहना की गयी।योग दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को योग की ओर आकर्षित करना है।ज्यादा से ज्यादा लोगों को योग से जोड़ने के लिए तथा इसे अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाने के लिए योग दिवस को मनाया जाता है।

कार्यक्रम के अंत में डॉ.सुनील कुमार ने मेहमानों, विश्वविद्यालय-प्रशासन,तकनीकी सहयोगी अंशुल,जनसंपर्क विभाग, मीडिया और प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।इस राष्ट्रीय वेबिनार में देश के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।