नैक और एनआईआरएफ की उत्कृष्ट ग्रेडिंग के लिए विश्वविद्यालयों में आपसी तालमेल जरूरीः प्रो.केसी शर्मा
जीयू में आयोजित कार्यशाला में दिए नैक ग्रेडिंग, एनआईआरएफ एवं वर्ल्ड रैंकिंग में उत्कृष्ट ग्रेड पाने के टिप्स।
रोहतक, गिरीश सैनी। गुरुग्राम विश्वविद्यालय में प्रदेश के समस्त सरकारी विश्वविद्यालयों को नैक ग्रेडिंग, एनआईआरएफ एवं वर्ल्ड रैंकिंग में उत्कृष्ट ग्रेड प्राप्त करने की जानकारी साझा करने के उद्देश्य से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। 4 सत्रों में आयोजित इस एक दिवसीय कार्यशाला में हरियाणा के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, वरिष्ठ प्राध्यापकों, आईक्यूएसी निदेशकों, संबद्ध कॉलेजों के प्राचार्यों ने भाग लिया। इस कार्यशाला का आयोजन हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद एवं गुरुग्राम विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
बतौर मुख्य अतिथि एनबीए, ईसी, नैक,एनईटीएफ के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे ने कार्यशाला में शिरकत की। कार्यशाला की अध्यक्षता हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के वाईस चेयरपर्सन प्रो.के सी शर्मा ने की। विशिष्ठ अतिथि के रूप में कर्नाटक राज्य ग्रामीण विकास और पंचायत राज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विष्णुकांत एस चटपल्ली उपस्थित रहे। गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कार्यशाला में उपस्थित सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया।
हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के वाइस चेयरपर्सन प्रो.के सी शर्मा ने कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए नैक और एनआईआरएफ ग्रेडिंग के लिए विश्वविद्यालयों में आपसी तालमेल, साझेदारी, शैक्षणिक भागीदारी, उत्कृष्ट सुविधाओं को साझा करने, शोध नवाचारों को अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग के अनुरूप करने पर बल दिया। कार्यशाला विशेषज्ञ के तौर पर नैक और एनबीए के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे ने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नैक, एनआईआरएफ के पैरामीटर पर उत्कृष्ट ग्रेड के लिए क्राइटेरिया वाइज सुधारने पर जोर दिया। उन्होंने रैंकिंग के लिए दाखिल किए जाने वाले डेटा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020, रैंकिंग परसेप्शन के महत्व, पैरामीटर के आधार पर वेरिफिकेशन, डेटा प्रस्तुतिकरण, वैल्यूशन की प्रक्रिया, डेटा दाखिल करने में होने वाली त्रुटियां, भ्रामक उल्लेखों के नकारात्मक असर जैसे बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की। प्रो. सहस्रबुद्धे ने परसेप्शन सुधार के लिए आउटपुट पर ध्यान देने के लिए कहा । प्रो. सहस्रबुद्धे ने कार्यशाला में 'वन नेशन वन डेटा के आधार पर विकसित किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि इसे विकसित करने पर आवेदन दाखिल करने के लिए अलग से डाटा तैयार करने में लगने वाले समय की बचत होगी। प्रत्येक रैंकिंग के लिए इससे स्वतः डेटा लिया जा सकेगा।
Girish Saini 

