उद्योग–अकादमिक सहयोग, व्यावसायिक नवाचार और अनुप्रयुक्त शोध का केंद्र बनेगा एमडीयू का पं. दीन दयाल उपाध्याय केंद्र

उद्योग–अकादमिक सहयोग, व्यावसायिक नवाचार और अनुप्रयुक्त शोध का केंद्र बनेगा एमडीयू का पं. दीन दयाल उपाध्याय केंद्र

रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू कौशल-आधारित और व्यावसायिक प्रशिक्षण को उच्च शिक्षा की मुख्यधारा में शामिल करने के उद्देश्य से पं. दीन दयाल उपाध्याय स्किल एवं वोकेशनल एजुकेशन केंद्र को उद्योग–अकादमिक सहयोग, व्यावसायिक नवाचार और अनुप्रयुक्त शोध का केंद्र बनाएगा। ये केंद्र एनईपी-2020 के अनुरूप है और व्यावहारिक दक्षता, नवाचार एवं उद्यमिता को बढ़ावा देने वाले क्रेडिट-आधारित, मॉड्यूलर और उद्योग-सहयोगी कार्यक्रमों के माध्यम से अकादमिक ज्ञान और रोजगार योग्यता के बीच की दूरी कम करने का लक्ष्य रखता है।

 

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने इस केंद्र को विद्यार्थियों में दक्षता निर्माण की ओर एक निर्णायक बदलाव का प्रतीक बताते हुए कहा कि ये केंद्र एमडीयू की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है जिसके तहत विवि ऐसे स्नातक तैयार करना चाहता है जो केवल डिग्री संग्रहकर्ता नहीं बल्कि मूल्य सृजन में सक्षम हों।

 

केंद्र के रोडमैप में चरणबद्ध कार्य–योजना के तहत पाठ्यक्रम समन्वय, प्रशिक्षण क्रियान्वयन, उद्योग साझेदारी, अवसंरचना निर्माण और निगरानी को शामिल किया गया है। शैक्षणिक कार्यक्रमों में एनएसक्यूएफ अनुरूप सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शामिल होंगे।

 
केंद्र निदेशक प्रो. युद्धवीर सिंह ने बताया कि हमारा लक्ष्य है कि कक्षा में पढ़ाए गए ज्ञान को प्रायोगिक अभ्यास, उद्योग मार्गदर्शन और वास्तविक समस्याओं के हल से जोड़कर शिक्षार्थियों को प्रमाणित कौशल के साथ बाहर भेजा जाए। मिश्रित पद्धति पर आधारित प्रशिक्षण में कक्षा शिक्षण, प्रयोगशाला आधारित सत्र, अनुभवात्मक कार्यशालाएं और इंटर्नशिप शामिल होंगी। ये केंद्र राष्ट्रीय कौशल विकास निगम, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय तथा राज्य कौशल विकास मिशनों जैसी संस्थाओं के साथ सहयोग करेगा, साथ ही उद्योगों से इंटर्नशिप, प्लेसमेंट और संयुक्त कार्यक्रमों के लिए गठजोड़ विकसित करेगा।