हाशिये का समाज मीडिया की मुख्यधारा में होना चाहिए: प्रो. सुधी राजीव 

हाशिये का समाज मीडिया की मुख्यधारा में होना चाहिए: प्रो. सुधी राजीव 

रोहतक, गिरीश सैनी। मीडिया को सामाजिक सरोकारों पर फोकस करने, समाज के हाशिए पर रह रहे लोगों को मुख्यधारा में लाने, तथा मीडिया शिक्षा में संवेदी बनाने का आह्वान आज महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित ‘डिजिटल युग में मीडिया, संस्कृति तथा समाज’ विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी में आमंत्रित वक्ताओं एवं मीडिया विशेषज्ञों ने किया।

इस दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र की मुख्य अतिथि हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, जयपुर की वाइस चांसलर प्रो. सुधी राजीव ने कहा कि हाशिये का समाज मीडिया की मुख्यधारा में होना चाहिए। मीडिया को संवेदनशील होकर समावेशी समाज की संकल्पना के तहत रिपोर्टिंग करनी होगी। उन्होंने इस डिजिटल युग को उत्तर सत्य (पोस्ट ट्रूथ) युग करार देते हुए कहा कि डिजिटल माध्यम पर झूठ तथा दुष्प्रचार को रोकने की ज़िम्मेदारी हम सबकी है। प्रो. सुधी राजीव ने इस महत्वपूर्ण विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी के लिए एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह तथा आयोजक पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग को हार्दिक बधाई दी।

एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि इस संगोष्ठी तथा मीडिया कांक्लेव के जरिए मीडिया सरोकारों तथा मीडिया शिक्षा पर गहन मंथन का प्रभावी कार्य होगा। कुलपति ने कहा कि पत्रकारिता को सेवा-उन्मुख, समाज उन्मुख तथा जनमानस उन्मुख होना होगा। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि मीडिया अध्ययन के विद्यार्थियों को टेक्नॉलोजी एनेबल्ड होना होगा। विशेष रूप से आर्टिफ़िशल इंटेलिजेंस, चैट जीपीटी, आदि नवीनतम टेक्नॉलोजी में विद्यार्थियों को पारंगतता हासिल करनी होगी।

उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि पं दीनदयाल उपाध्याय शेखावटी विश्वविद्यालय, सीकर ( राजस्थान) के कुलपति प्रो. अनिल कुमार राय ने कहा कि डिजिटल मीडिया की वजह से मीडिया क्षेत्र में प्रतिमान बदलाव आया है। प्रो. अनिल कुमार राय ने कहा कि युवा वर्ग में इंटरनेट तथा डिजिटल मीडिया का लत बढ़ता जा रहा है। प्रिंट मीडिया पढऩे की प्रवृति कम होती जा रही है। इन परिस्थितियों में मीडिया शिक्षण की भी चुनौतियां बढ़ी है। सम-सामयिक विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी के लिए प्रो. अनिल कुमार राय ने बधाई दी।

मुख्य वक्ता प्रतिष्ठित पत्रकार तथा संप्रति भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य जय शंकर गुप्ता ने कहा कि मीडिया को सामाजिक पर्याय से मुंह नहीं मोडऩा चाहिए। जनसमस्याओं, सामाजिक कुरीतियों, सामाजिक तथा लैंगिक भेदभाव तथा अत्याचार के खिलाफ मीडिया की आवाज बुलंद करनी चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से लैंगिक असमानता के खिलाफ तथा समाज में लैंगिक समता स्थापित करने के लिए विशेष मीडिया मुहिम की वकालत की।
प्रारम्भ में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. हरीश कुमार ने स्वागत भाषण दिया तथा आमंत्रित विशिष्ट वक्ताओं का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि मीडिया के उद्देश्य समय के समय बदले हैं और मीडिया शिक्षण पैटर्न में भी बदलाव आया है।

कार्यक्रम में मंचासीन विशिष्ट जन ने संगोष्ठी संबंधित ऐब्स्ट्रैक्ट बुक (शोध सार पुस्तिका) का लोकार्पण किया।

पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के प्राध्यापक तथा संगोष्ठी आयोजन सचिव सुनित मुखर्जी ने मंच संचालन किया। उन्होंने इस संगोष्ठी तथा मीडिया कांक्लेव के मुख्य विषय तथा उप विषयों की जानकारी दी। विभाग के प्राध्यापक तथा संगोष्ठी आयोजन सचिव डा. नवीन कुमार ने आभार प्रदर्शन किया।

इस संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में एमडीयू के डीन, एकेडमिक अफ़ेयर्स प्रो सुरेंद्र कुमार, डीन ऑफ फैकल्टी- प्रो. केएस चौहान, प्रो. राजेश धनखड़, प्रो. विमल, निदेशक सीआरएसआई प्रो. सोनिया मलिक, निदेशक डा. मंगल सेन शोधपीठ प्रो. राजीव कुमार, विभिन्न विभागों के अध्यक्ष - प्रो कृष्णा जून, डॉ. सुनीता सैनी, निदेशिका बाग़वानी तथा कैम्पस वानिकी प्रो. विनीता हुड्डा, विश्वविद्यालय के प्राध्यापक गण, शोधार्थी, विद्यार्थी उपस्थित रहे। आज संगोष्ठी में 6 तकनीकी सत्र आयोजित किए गए जिनमें दो ऑनलाइन सत्र भी थे।