एचएसबी में नवाचार और उद्यमिता पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू

एचएसबी में नवाचार और उद्यमिता पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू

हिसार, गिरीश सैनी। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विवि के हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस (एचएसबी) में मंगलवार को नवाचार और उद्यमिता पर एक सप्ताह की अवधि के फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी-आईई) का शुभारंभ हुआ। शिक्षा मंत्रालय की नवाचार इकाई (एमआईसी) और एआईसीटीई द्वारा संयुक्त रूप से प्रायोजित इस एफडीपी का उद्देश्य उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों को नवाचार और उद्यमशीलता के क्षेत्र में सशक्त बनाना है।

कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने अपने संदेश में आयोजकों और प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज के शिक्षक को केवल ज्ञान का प्रसारक नहीं, बल्कि नवाचार का समर्थक और प्रेरक बनना होगा। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम केवल एक प्रशिक्षण नहीं, बल्कि शिक्षकों को नवाचार की ओर प्रेरित करने वाला राष्ट्रीय परिवर्तन का एक सशक्त माध्यम है। 

बतौर मुख्य अतिथि, कुलपति के तकनीकी सलाहकार प्रो. विनोद छोकर ने अपने संबोधन में कहा कि ऐसे एफडीपी कार्यक्रम शिक्षकों को नवाचार आधारित सोच विकसित करने और सामाजिक-पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान की दिशा में सोचने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा कि यह एफडीपी पुन: सीखने और नवाचार की नई दृष्टि विकसित करने का एक अवसर है।

बतौर मुख्य वक्ता, रीजनल सेंटर फॉर एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट, चंडीगढ़ के निदेशक परमजीत सिंह ने प्रतिभागियों को वास्तविक अनुभवों और प्रेरक कहानियों से रूबरू कराया। उन्होंने कहा कि यदि हम विद्यार्थियों को सही मार्गदर्शन देना चाहते हैं, तो पहले हमें स्वयं उद्यमशीलता की आत्मा को समझना होगा। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे छात्रों की सोच को 'मेक इन इंडिया', 'स्टार्टअप इंडिया', 'स्टैंडअप इंडिया', 'डिजिटल इंडिया' और 'स्किल इंडिया' जैसी राष्ट्रीय पहलों से जोड़ें। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा 18.5 लाख रुपये की सब्सिडी स्वरोजगार के लिए दी जाती है।

एचएसबी के निदेशक प्रो. विनोद कुमार बिश्नोई ने स्वागत सम्बोधन किया। एचएसबी के डीन प्रो. कर्मपाल ने एफडीपी के व्यापक संदर्भ पर प्रकाश डाला। एफडीपी की संयोजक प्रो. सुनीता रानी ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। सह-संयोजक डॉ. मणि श्रेष्ठ ने धन्यवाद व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में हरियाणा के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों से प्रबंधन, कंप्यूटर एप्लीकेशन और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों से संबंधित 50 से अधिक शिक्षक भाग ले रहे हैं।