हर हरियाणवी प्रदेश का गौरवमयी इतिहास याद रखेः कुलपति डॉ. अमित आर्य

सुपवा में सजी गजलों की महफिल।

हर हरियाणवी प्रदेश का गौरवमयी इतिहास याद रखेः कुलपति डॉ. अमित आर्य

रोहतक, गिरीश सैनी। स्थानीय दादा लखमी चंद राज्य प्रदर्शन एवं दृश्य कला विवि (डीएलसी सुपवा) में सोमवार को गजल संध्या का आयोजन कर हरियाणा दिवस मनाया गया। इस दौरान शहजादा-ए-गजल जैज़िम शर्मा ने गजलों की महफिल सजाई।

 

कुलपति डॉ. अमित आर्य ने जैज़िम शर्मा व उनकी टीम का स्वागत करते हुए कहा कि अपने प्रदेश के गौरवमयी इतिहास को याद करने व भविष्य में प्रदेश को और आगे ले जाने का प्रण हर हरियाणवी को इस दिन लेना चाहिए। ध्यान रहे, इस बार हरियाणा सरकार ने 1 से 3 नवंबर तक हरियाणा दिवस मनाने की घोषणा की थी।

 

गजलों की इस सुनहरी शाम में जैज़िम शर्मा ने अपनी स्वरचित गजलों के अलावा प्रसिद्ध गजल गायक जगजीत सिंह, गुलाम अली, मेहदी हसन और शायर वसीम बरेलवी की गजलों को भी अपनी आवाज दी। उन्होंने मेहदी हसन की प्रसिद्ध गजल ‘रफ्ता रफ्ता वो मेरी’, ‘रंजिश ही सही’, गुलाम अली की प्रसिद्ध गजल ‘चुपके चुपके रात दिन आंसू बहाना याद है’, ‘हंगामा है क्यों बरपा, हमको किसी के गम ने मारा’, जगजीत सिंह की ‘तुम जो इतना मुस्करा रहे हो’, ‘होठों से छू लो तुम’, ‘तुम को देखा’, ‘जब दीप जले आना’, ‘चंदन सा बदन’, ‘एहसान तेरा होगा’ आदि के अलावा फरहत शहजाद द्वारा लिखित ‘मोहब्बत हो गई है’, निदा फाजली लिखित ‘कहीं चाहत थी’ पर खूब तालियां बटोरीं। उन्होंने अपकमिंग बॉलीवुड फिल्म के गाने ‘शहर तेरे’ पर भी प्रस्तुति दी, जिसे गुलजार ने लिखा है। उन्होंने बाबा बुल्ले शाह व अमीर खुसरो को भी याद किया।

 

इस दौरान कुलसचिव डॉ गुंजन मलिक मनोचा सहित अन्य स्टाफ भी मौजूद रहा। जैज़िम शर्मा ने कहा कि इस गजल संध्या में मिले श्रोता उन्हें सदैव याद रहेंगे, क्योंकि जो बेहिसाब प्यार यहां आकर मिला, उसे कभी भूला ही नहीं जा सकता।