डिजिटल अरेस्ट से घबराएं नहीं, 1930 पर कॉल कर करें शिकायत दर्जः एसपी सुरेन्द्र सिंह

डिजिटल अरेस्ट से घबराएं नहीं, 1930 पर कॉल कर करें शिकायत दर्जः एसपी सुरेन्द्र सिंह

रोहतक, गिरीश सैनी। जिला पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र सिंह भौरिया ने आमजन से डिजिटल अरेस्ट के मामले में घबराने की बजाय साइबर हेल्पलाइन 1930 पर तुरंत शिकायत दर्ज कराने की अपील की है। उन्होंने बताया कि फोन पर आपके बेटे या बेटी का नाम लेकर पूछा जाए कि वह कहां है और अगले ही पल पर कहा जाए कि मैं नारकोटिक्स विभाग, सीबीआई या पुलिस से बोल रहा हूं और आपका बच्चा हमारी हिरासत में है। उसे ड्रग्स या अन्य किसी ऐसी गतिविधि में शामिल होने की वजह से पकड़ा गया है। इसके अलावा आपके नाम विदेश से पार्सल आया और उसमें आपत्ति जनक वस्तु होने की बात कही जाए तो तुरंत सतर्क हो जाये। यह साइबर ठगों का काम हो सकता है। साइबर ठग आपको डिजिटल अरेस्ट कर ठगी का शिकार बना सकते है।

एसपी ने कहा कि ये साइबर ठगों द्वारा अपनाया जाने वाला ठगी का नया तरीका है, जिसमें ठग किसी सरकारी एजेंसी का अफसर या पुलिस अफसर बनकर वीडियो कॉल करते है। वीडियो कॉल के बैकग्राउंड को किसी पुलिस स्टेशन की तरह बना लिया जाता है, जिससे देखने वाला हर व्यक्ति डर जाता है और उनकी बातो में आ जाता है। पीड़ित को फोन कर झूठे मामले में पहले काफी डराया जाता है और उस पर मामला दर्ज किए जाने की बात कही जाती है, जिससे वह डर जाता है। वीडियो कॉलिंग द्वारा पीड़ित को घर में बंधक बना लिया जाता है। ठगों द्वारा पीड़ित व्यक्ति को 24 घंटे उनके संपर्क में रहने के लिये सर्विलांस पर फोन या बेवसाइट के जरिये नजर रखने की बात कही जाती है। अपराधी इस दौरान आपको वीडियो कॉल से हटने भी नहीं देता और न ही किसी को कॉल करने देते हैं। लंबी सजा और बड़े जुर्माने व समाज में अपमान के डर से पीड़ित ठगों की हर बात को फॉलो करता है। ठग द्वारा केस को रफा-दफा करने के लिये पैसे मांगने पर पीड़ित उसे रकम भी दे देता है।


पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र सिंह भौरिया ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट में पीड़ित को स्काइप के माध्यम से निगरानी में रखा जाता है और ठगी करने के बाद ही उसे मुक्त किया जाता है। राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर डिजिटल अरेस्ट की शिकायतों में अपराधी खुद को पुलिस, सीबीआई, नारकोटिक्स, आरबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों के अधिकारी बताकर धमकी, ब्लैकमेल, जबरन वसूली और डिजिटल अरेस्ट जैसी वारदातो को अंजाम देते है। उन्होंने आमजन का आह्वान किया कि ऐसे जालसाजों से बचकर रहें और ऐसी घटना होने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन नं. 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करें।