लर्न, अनलर्न, रीलर्न थीम पर टेड-एक्स आईआईएम, रोहतक का 10वाँ संस्करण आयोजित
रोहतक, गिरीश सैनी। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम), रोहतक द्वारा -लर्न, अनलर्न, रीलर्न थीम पर टेड-एक्स आईआईएम, रोहतक का 10वाँ संस्करण आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में खेल, रचनात्मक, सार्वजनिक नीति, रक्षा सहित कई अन्य क्षेत्रों से आए वक्ताओं ने अपने अनुभव साझा किए और बदलाव, दृढ़ता और नए सिरे से शुरुआत की कहानियां सुनाई। वक्ताओं में डॉ. सत्यपाल सिंह, विवेक अत्रेय, अशोक देशमाने, डॉ. सुधीर कुमार मिश्रा, गुलशीण आनंद, गुरमंगल दास, dcप्रफुल गर्ग, प्रतिष्ठा देवेश्वर, प्रीति डिमरी, शिवम एस खजूरिया और विक्रम कोच्चर शामिल थे। कार्यक्रम में 1600 से अधिक छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
मुख्य वक्ता डॉ. सत्यपाल सिंह ने अपने लंबे पुलिस और सार्वजनिक जीवन के अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि लर्निंग दिशा देता है, अनलर्निंग स्वतंत्रता देता है, और रीलर्निंग उद्देश्य लौटाता है। विवेक अत्रेय ने छात्रों को बड़ा सोचने और निडर होकर इनोवेशन करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने हर साल नया कौशल सीखने पर जोर दिया।
आईआईएम, रोहतक के निदेशक प्रो. धीरज शर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि टेड एक्स पूरी तरह छात्रों द्वारा संचालित पहल है और यह संस्थान की बौद्धिक संस्कृति को समृद्ध करता है। वक्ताओं ने आत्म-खोज और उद्देश्य के माध्यम से जीवन को नए सिरे से बनाने की भावनात्मक कहानियां साझा की। उन्होंने शुरुआती संघर्षों, पढ़ाई के दबाव और करियर में आए मोड़ों पर बात करते हुए बताया कि कैसे लर्निंग ने उनकी नींव मजबूत की और उन्हें सीमित मान्यताओं से मुक्त किया। प्रो. धीरज शर्मा ने अंत में आभार व्यक्त किया।
Girish Saini 


