नुक्कड़ नाटक द्वारा डीएलसी सुपवा के विद्यार्थियों ने किया नशा मुक्ति के प्रति जागरूक

रोहतक, गिरीश सैनी। राष्ट्रव्यापी नशा मुक्ति अभियान के तहत स्थानीय दादा दादा लखमी चंद राज्य प्रदर्शन एवं दृश्य कला विवि (डीएलसी सुपवा) में -संकल्प नामक नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। छात्र कल्याण विभाग के निदेशक डॉ. दुष्यंत द्वारा निर्देशित 20 मिनट के इस नाटक में समाज, विशेषकर युवाओं को नशीले पदार्थों की गिरफ्त से मुक्त करने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
अभिनय विभाग के प्रो. विभांशु द्वारा लिखित इस नाटक में प्रथम वर्ष के छात्रों ने नशा मुक्ति और एक स्वस्थ समाज के निर्माण के विषय को रेखांकित किया। नाटक का समापन एक प्रेरक संदेश के साथ हुआ - सच्ची प्रगति केवल व्यसन मुक्त समाज में ही प्राप्त की जा सकती है।
कुलपति डॉ. अमित आर्य ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षा को केवल कक्षाओं तक ही सीमित करने की बजाय, मूल्यों को आकार देने और सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने तक विस्तारित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कला को एक माध्यम के रूप में उपयोग करके समाज को व्यसन की जंजीरों से मुक्त होने और अधिक स्वस्थ, सार्थक जीवन अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
कुलसचिव डॉ. गुंजन मलिक मनोचा ने कहा कि रचनात्मकता और सामाजिक जिम्मेदारी साथ-साथ चलती हैं। इस नाटक में विद्यार्थियों की भागीदारी दर्शाती है कि कैसे प्रदर्शन कलाएं बदलाव, जागरूकता फैलाने और महत्वपूर्ण बातचीत को प्रज्वलित करने का एक सशक्त माध्यम बन सकती हैं।
नाटक का समन्वय एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी प्रकाश खांडे और दृश्य कला संकाय सदस्य हरिंदर ने किया। जीजेयू के डीन और अध्यक्ष, मीडिया अध्ययन संकाय प्रो. उमेश आर्य ने बतौर विशेष अतिथि शिरकत की।