समाचार विश्लेषण/अयोग्य सांसद: डिसक्वालिफाइड डेमोक्रेसी ?

बहुत तेजी से घूम रहा है वक्त का पहिया । सूरत की कोर्ट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम को लेकर की गयी टिप्पणी पर दो साल की सजा सुनाई गयी । साथ के साथ राहुल गांधी की जमानत भी हो गयी लेकिन छब्बीस घंटे के अंदर ही अंदर लोकसभा की सदस्यता भी जाती रही । अब अगला पड़ाव यह है कि बंगले को भी बाइस अप्रैल तक खाली करने का नोटिस दे दिया गया है । यह टी ट्वेंटी क्रिकेट से भी ज्यादा तेज राजनीतिक घटनाक्रम है । कभी कांग्रेस के अधिकतम समय तक कोषाध्यक्ष रहे सीताराम केसरी पर शायद देवगौड़ा ने कहा था कि द ओलडमैन इस इन ए हरी ! यानी बहुत जल्दी में थे सीताराम केसरी ! अब कौन जल्दी में है जो राहुल गांधी के साथ यह डर्टी गेम खेल रहा है? 

समाचार विश्लेषण/अयोग्य सांसद: डिसक्वालिफाइड डेमोक्रेसी ?
कमलेश भारतीय।

-*कमलेश भारतीय 
बहुत तेजी से घूम रहा है वक्त का पहिया । सूरत की कोर्ट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम को लेकर की गयी टिप्पणी पर दो साल की सजा सुनाई गयी । साथ के साथ राहुल गांधी की जमानत भी हो गयी लेकिन छब्बीस घंटे के अंदर ही अंदर लोकसभा की सदस्यता भी जाती रही । अब अगला पड़ाव यह है कि बंगले को भी बाइस अप्रैल तक खाली करने का नोटिस दे दिया गया है । यह टी ट्वेंटी क्रिकेट से भी ज्यादा तेज राजनीतिक घटनाक्रम है । कभी कांग्रेस के अधिकतम समय तक कोषाध्यक्ष रहे सीताराम केसरी पर शायद देवगौड़ा ने कहा था कि द ओलडमैन इस इन ए हरी ! यानी बहुत जल्दी में थे सीताराम केसरी ! अब कौन जल्दी में है जो राहुल गांधी के साथ यह डर्टी गेम खेल रहा है? 
कांग्रेस सांसद से अयोग्य घोषित किये जाने के बाद राहुल गाधी ने ट्विटर पर अपने आपको 'अयोग्य सांसद लिखना शुरू कर दिया है । यह नया परिचय है सबके लिये ! दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं ने कल काले कपड़े पहन कर विरोध व्यक्त किया जिनमे राहुल की मां व सांसद सोनिया गांधी भी शामिल रहीं । इनके आंदोलन का नाम हो गया -डेमोक्रेसी डिसक्वालिफाइड ! यानी राहुल गांधी डिसक्वालिफाइड नहीं हुए बल्कि डेमोक्रेसी को ही डिसक्वालिफाइड कर दिया गया है । लोकतंत्र की रक्षा के लिये सत्रह विरोधी दल साथ आये हैं । सुबह काला दि'न' मनाया गया और रात को डिनर डिप्लोमेसी की गयी । उद्धव ठाकरे शिवसेना गुट पीछे हट गया है क्योंकि संजय राउत का कहना है कि सावरकर पर दिये राहुल गांधी के बयान से हम सहमत नहीं हैं । हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने साथ देने का फैसला किया है । आप के अरविंद केजरीवाल भी काफी मुखर होकर भाजपा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना कर रहे हैं । समाजवादी पार्टी ने भी रूख बदला है  । कर्नाटक में विधानसभा चुनाव पर इस सारे घटनाक्रम का क्या असर पड़ता है , यह देखना होगा ! 
इस तरह अब अयोग्य सांसद राहुल गांधी के लिये डिसक्वालिफाइड डेमोक्रेसी आंदोलन चलेगा । दूसरी ओर ओबीसी के अपमान को भाजपा लगातार मुद्दा बनाने की फिराक में है । कौन कितना सफल होता है । यह जनता ही फैसला करेगी । हम तो इतना ही कहॆगे -
या रब्ब वो न समझे हैं 
न समझेंगे मेरी बात 
दे और दिल उनको
या मुझको जुबां और ...

-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।