उपायुक्त सचिन गुप्ता ने किया पढ़े रोहतक-लिखे रोहतक पहल का शुभारंभ
पहल के तहत तीन प्रमुख कौशलों पर दिया जा रहा है ध्यान।

रोहतक, गिरीश सैनी। उपायुक्त सचिन गुप्ता ने वीरवार को औपचारिक रूप से पढ़े रोहतक-लिखे रोहतक अभियान का शुभारंभ किया। निपुण हरियाणा मिशन के तहत चलाई जा रही इस पहल का उद्देश्य जिला के सभी प्राथमिक विद्यालयों में फाउंडेशनल लिटरेसी और न्यूमेरसी (एफएलएन) को मजबूत बनाना है, ताकि प्रत्येक बच्चा बुनियादी पढ़ने, लिखने और गणना करने के कौशल में दक्षता प्राप्त कर सके।
उपायुक्त सचिन गुप्ता ने शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ इनोवेटिव विचारों के बारे में संवाद करते हुए कहा कि शिक्षक, स्कूल और जिला टीम मिलकर काम करें ताकि कोई भी बच्चा सीखने की बुनियादी दक्षताओं से वंचित न रहे। हालांकि इस पहल के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियां अगस्त 2025 से ही प्रारंभ हो चुकी थी।
उपायुक्त सचिन गुप्ता ने कहा कि इस पहल का मुख्य आधार है जीरो पीरियड कॉम्पिटेंसी मॉनिटरिंग प्रोग्राम, जिसके अंतर्गत कक्षा एक से तीन तक के विद्यार्थियों में तीन प्रमुख कौशलों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इनमें ओरल रीडिंग फ्लुएंसी (ओआरएफ) अर्थात वाक्य पठन में दक्षता, रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन (आरसी) अर्थात पठन समझ क्षमता तथा सब्ट्रैक्शन अर्थात घटाव में दक्षता शामिल है।
उपायुक्त ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत सभी स्कूलों में प्रतिदिन एक विशेष जीरो पीरियड आयोजित किया जाता है, जिसमें विद्यार्थी गतिविधि आधारित सीखने के माध्यम से बुनियादी कौशल विकसित करते हैं। प्रत्येक बच्चे के लिए एक स्किल पासबुक तैयार की गई है, जिसमें उसकी साप्ताहिक प्रगति दर्ज की जाती है ताकि अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता वाले बच्चों को समय पर सहायता मिल सके।
उपायुक्त सचिन गुप्ता ने शुभारंभ व समीक्षा बैठक में गत दो महीनों की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की। बैठक में स्कूलों में जीरो पीरियड के क्रियान्वयन, स्किल पासबुक में दर्ज आंकड़ों, मेंटर्स के अवलोकनों और लर्निंग गैप को दूर करने की रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि पढ़े रोहतक-लिखे रोहतक अभियान जिला के हर बच्चे के लिए मजबूत शैक्षिक नींव तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
उपायुक्त ने सभी बीईओ, ब्लॉक मेंटर्स और क्लस्टर हेड्स को निर्देश दिए कि वे फील्ड विजिट को और सघन बनाएं, वास्तविक समय में डेटा रिपोर्टिंग सुनिश्चित करें तथा जीरो पीरियड में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण गतिविधियों पर विशेष ध्यान दें। उपायुक्त ने यह भी कहा कि शिक्षक, स्कूल और जिला टीम मिलकर काम करें ताकि कोई भी बच्चा सीखने की बुनियादी दक्षताओं से वंचित न रहे।
इस दौरान पुलिस उपाधीक्षक रवि खुंडिया, सिविल सर्जन डॉ. रमेश चंद्र आर्य, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. सतपाल, जिला शिक्षा अधिकारी मनजीत मलिक, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी दिलजीत सिंह, जिला परियोजना समन्वयक बिजेंद्र हुड्डा, महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी दीपिका सैनी, एफएलएन समन्वयक रूपांशी हुड्डा सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।